याचिका में सरकारी विभागों से अनचाहे ई-मेल मिलने का दावा किया, अदालत ने उसे अनसब्सक्राइब करने को कहा | Petition claims to have received unsolicited e-mails from government departments, court asks him to unsubscribed

याचिका में सरकारी विभागों से अनचाहे ई-मेल मिलने का दावा किया, अदालत ने उसे अनसब्सक्राइब करने को कहा

याचिका में सरकारी विभागों से अनचाहे ई-मेल मिलने का दावा किया, अदालत ने उसे अनसब्सक्राइब करने को कहा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:14 PM IST, Published Date : January 12, 2021/12:43 pm IST

नयी दिल्ली, 12 जनवरी (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय में एक व्यक्ति ने याचिका दायर करके आरोप लगाया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) समेत विभिन्न सरकारी विभागों एवं प्राधिकरणों से उसके पास अनचाहे ई-मेल आ रहे हैं।

न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने याचिकाकर्ता को उसे मिल रहे इन ई-मेल को अनसब्सक्राइब (सदस्यता/ग्राहकी समाप्त करने का नोटिफिकेशन) करने को कहा। न्यायमूर्ति सिंह के समक्ष यह विषय सूचीबद्ध किया गया था।

अदालत ने याचिकाकर्ता को हाइपरलिंक ‘‘मैल टू:संपर्क डॉट सपोर्ट एट द रेट गर्वनमेंट डॉट इन ’’ पर ई-मेल भेजकर सरकार के ‘ई-संपर्क’ तंत्र के तहत ईमेल नहीं भेजे जाने का अनुरोध करने को कहा । ‘ई-संपर्क तंत्र’ के तहत आम लोगों को जन सेवाओं और योजनाओं के बारे में सूचना दी जाती है।

अदालत ने केंद्र सरकार को यह सुनश्चित करने का भी निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता के अनुरोध पर उसे किसी विभाग या प्राधिकरण से ऐसे ई-मेल न भेजे जाएं।

इस निर्देश के साथ अदालत ने दिल्ली के बाशिंदे सोईबाल गुप्ता की याचिका निस्तारित किया । गुप्ता का कहना है कि वह स्वतंत्र लेखक हैं।

भाषा राजकुमार उमा

उमा

 

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