नयी दिल्ली, तीन मई (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर कर कोविड-19 के मरीजों के फेफड़ों में संक्रमण की मौजूदगी एवं गंभीरता का पता लगाने में इस्तेमाल होने वाली हाई रेजोल्यूशन कंप्यूटराइज्ड टोमोग्राफी (एचआरसीटी) की कीमतों को सीमित करने का दिल्ली सरकार को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है।
मु्ख्य न्यायाधीश डी एन पटेल और न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की पीठ ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी इस संबंध में अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है।
पीठ ने अधिवक्ता शिवलीन पसरीचा की याचिका पर यह नोटिस जारी किया। इस याचिका में दावा किया गया है कि संदिग्ध या संभावित मरीजों में कोविड-19 का पता लगाने के लिए सबसे आम जांच आरटी-पीसीआर है।
याचिका में कहा गया, “वर्तमान में दिल्ली में एचआरसीटी कराने की कीमत पांच से छह हजार रुपये के बीच है। इसलिए, इस समय इसकी कीमतों का नियमन इस वक्त बेहद जरूरी है।”
इसमें कहा गया, “दिल्ली में मौजूदा गंभीर परिस्थितियों के मद्देनजर एचआरसीटी की कीमतों को नियमित करना अत्यंत आवश्यक है।”
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नेहा अनूप
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