धर्मांतरण विरोधी कानून के नाम पर पुलिस राज का अनुचित प्रयोग हो रहा : मायावती | Police rule being unfairly used in the name of anti-conversion law: Mayawati

धर्मांतरण विरोधी कानून के नाम पर पुलिस राज का अनुचित प्रयोग हो रहा : मायावती

धर्मांतरण विरोधी कानून के नाम पर पुलिस राज का अनुचित प्रयोग हो रहा : मायावती

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:57 PM IST, Published Date : January 1, 2021/12:22 pm IST

लखनऊ, एक जनवरी ( भाषा) बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्‍यक्ष और पूर्व मुख्‍यमंत्री मायावती ने नये वर्ष पर शुभकामना देने के साथ ही केंद्र और राज्‍य की भाजपा सरकार पर हमला बोला है।

मायावती ने नये धर्मांतरण कानून पर राज्‍य सरकार को घेरते हुए कहा, ”अपनी कमियों पर से लोगों का ध्‍यान हटाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा लव जिहाद व धर्मांतरण-विरोध के संबंध में निरंकुशता के अनोखे प्रावधानों के साथ आपाधापी में अध्‍यादेश लाकर पुलिस राज का जो अनुचित इस्‍तेमाल हो रहा है, वह राजनीतिक एजेंडे का ही काम ज्‍यादा लगता है।”

बसपा मुख्‍यालय से शुक्रवार को जारी नव वर्ष के बधाई बयान में मायावती ने धर्मांतरण कानून पर अपनी प्रतिक्रिया को विस्‍तार देते हुए कहा, ” सरकार की नीयत व नीति द्वेष, भेदभाव व विभाजन को बढ़ावा देकर समाज को बांटने की ज्‍यादा है, जो अब दूसरे प्रदेशों में भी फैल कर अति घातक होती जा रही है।”

उन्‍होंने गुज़रे 2020 में नया नागरिकता कानून और तीन नये कृषि क़ानूनों पर हुए आंदोलनों की याद दिलाते हुए कहा कि वर्तमान में केंद्र सरकार का रवैया अभी तक देश हित में सही समाधान नहीं दे पा रहा है।

मायावती ने कहा कि भाजपा की केंद्र और राज्‍य की सरकार ज्‍यादातर उसी विश्‍वसनीयता के अभाव के दौर से गुजर रही हैं जिस दौर से संप्रग-दो (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) की सरकार अपने अंतिम वर्षों में गुजर रही थी।

उन्‍होंने कहा,”बात-बात पर राष्‍ट्रीय सुरक्षा व देशद्रोह क़ानूनों का घोर अनुचित और द्वेषपूर्ण प्रयोग हो रहा है और विशेष रूप से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जो निरंकुश व अहंकारी प्रयास चल रहा है, उस पर देश भर में तीव्र व तीखी प्रतिक्रिया स्‍वाभाविक है।”

उन्‍होंने सरकारों को सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय की सही व स्‍वच्‍छ नीयत व नीति के साथ काम करने की सलाह दी है।

मायावती ने कहा, ” वर्ष 2020 कोरोना प्रकोप के कारण भारी विपदाकारी व अति घातक रहा है, जिसमें सरकारों खासकर जनहित व जनकल्‍याण संबंधी वास्‍तविक सोच व कार्यशैली की कड़ी परीक्षा में आम धारणा के अनुरूप केंद्र व राज्‍य सरकारें ज्‍यादातर अक्षम व अकुशल साबित होकर जनता को निराश किया है।”

उन्‍होंने अपेक्षा की कि यह क्रम आगे जारी न रहे तो अच्‍छा रहेगा।

मायावती ने वर्ष 2020 में हुई घटनाओं की समीक्षा करते हुए केंद्र व राज्‍य की सरकारों पर आरोप लगाया कि ”देश की आत्‍मनिर्भरता के लिए अति आवश्‍यक है आत्‍म विश्‍वास व उम्‍मीद देश की जनता में जागृत होना चाहिए जो केंद्र व उत्तर प्रदेश सहित राज्‍य सरकारें अपनी संकीर्ण जातिवादी व सांप्रदायिक सोच व कार्यकलापों के कारण सही तौर पर पैदा नहीं कर पा रही हैं तो इसमें अन्‍य किसी का क्‍या दोष।”

भाषा आनन्‍द धीरज

धीरज

 

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