पूर्ववर्ती सरकारों ने कई नायक व नायिकाओं के योगदान को नजरअंदाज किया: मोदी | Previous governments ignored the contribution of many heroes and heroines: PM Modi

पूर्ववर्ती सरकारों ने कई नायक व नायिकाओं के योगदान को नजरअंदाज किया: मोदी

पूर्ववर्ती सरकारों ने कई नायक व नायिकाओं के योगदान को नजरअंदाज किया: मोदी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:06 PM IST, Published Date : February 16, 2021/11:29 am IST

बहराइच(उत्तर प्रदेश), 16 फरवरी (भाषा) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार पूर्ववर्ती सरकारों की उन गलतियों को सुधार रही है जिसमें देश के अनेक नायक-नायिकाओं के बलिदान को नजरअंदाज किया गया और इतिहास में उन्हें उचित स्थान नहीं दिया गया।

वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से यहां महाराजा सुहेलदेव स्‍मारक और चित्तोरा झील के सौंदर्यीकरण और विकास कार्यों की आधारशिला रखने के अवसर पर प्रधानमंत्री ने यह बात कही। उन्होंने महाराजा सुहेलदेव के नाम पर एक मेडिकल कॉलेज का भी उद्घाटन किया।

उन्होंने कहा, ‘‘अनेक नायक-नायिकाओं को वो स्थान नहीं दिया गया, जिसके वो हकदार थे। इतिहास रचने वालों के साथ, इतिहास लिखने के नाम पर हेर-फेर करने वालों ने जो अन्याय किया, उसे अब आज का भारत सुधार रहा है। सही कर रहा है। गलतियों से देश को मुक्त कर रहा है।’’

इस कड़ी में उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाषचंद्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल और बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर का उल्लेख किया और कहा कि भारत के ऐसे अनेकों सेनानी हैं, जिनके योगदान को अनेक वजह से मान नहीं दिया गया।

उन्होंने कहा, ‘‘चौरी-चौरा के वीरों के साथ जो हुआ, वो क्या हम भूल सकते हैं? महाराजा सुहेलदेव और भारतीयता की रक्षा के लिए उनके प्रयासों के साथ भी यही व्यवहार किया गया।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह ‘‘दुर्भाग्य’’ है कि भारत और भारतीयता की रक्षा के लिए जिन्होंने जीवन समर्पित कर दिया, ऐसे अनेक नायक-नायिकाओं को वो स्थान नहीं दिया गया, जिसके वो हकदार थे।

उन्होंने कहा कि भारत का इतिहास सिर्फ वह नहीं है जो देश को गुलाम बनाने वालों और गुलामी की मानसिकता के साथ इतिहास लिखने वालों ने लिखा।

उन्होंने कहा, ‘‘भारत का इतिहास वह भी है, जो भारत के सामान्य जन ने, भारत की लोक गाथाओं में रचा-बसा है, जो पीढ़ियों ने आगे बढ़ाया है।’’

मोदी ने कहा कि इतिहास की किताबों में भले ही महाराजा सुहेलदेव के शौर्य, पराक्रम, उनकी वीरता को वह स्थान नहीं मिला लेकिन अवध और तराई से लेकर पूर्वांचल की लोकगाथाओं में वह हमेशा बने रहे।

उन्होंने कहा, ‘‘सिर्फ वीरता ही नहीं, एक संवेदनशील और विकासवादी शासक के रूप में उनकी छाप अमिट है। अपने शासनकाल में जिस प्रकार उन्होंने बेहतर रास्तों के लिए, पोखरों-तालाबों के लिए, बाग-बगीचों और शिक्षा के क्षेत्र में काम किया, वो अभूतपूर्व था। उनकी यही सोच, इस स्मारक स्थली में भी दिखने वाली है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ सालों में उनकी सरकार ने इतिहास, आस्था, आध्यात्म, संस्कृति से जुड़े जितने भी स्मारकों का निर्माण किया है, उनका बहुत बड़ा लक्ष्य पर्यटन को बढ़ावा देने का भी है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश तो पर्यटन और तीर्थाटन, दोनों के मामले में समृद्ध भी है और इसकी क्षमताएं भी अपार हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘चाहे वह भगवान राम का जन्म स्थान हो या कृष्ण का वृंदावन, भगवान बुद्ध का सारनाथ हो या फिर काशी विश्वनाथ, संत कबीर का मगहर धाम हो या वाराणसी में संत रविदास की जन्मस्थली का आधुनिकीकरण, पूरे प्रदेश में बड़े पैमाने पर काम चल रहा है। इनके विकास के लिए भगवान राम, श्रीकृष्ण और बुद्ध के जीवन से सम्बन्धित स्थलों जैसे अयोध्या, चित्रकूट, मथुरा, वृन्दावन, गोवर्धन, कुशीनगर, श्रावस्ती आदि तीर्थ स्थलों पर रामायण सर्किट, आध्यात्मिक सर्किट, बौद्ध सर्किट का विकास किया जा रहा है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हुए काम का प्रभाव यह हुआ है कि आज उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक पर्यटक आते हैं। उन्होंने कहा कि विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने में भी उत्तर प्रदेश देश के शीर्ष तीन राज्यों में आ चुका है।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की और कहा, ‘‘कल्पना करिए, अगर यूपी में हालात बिगड़ते तो राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किस तरह की बातें की जातीं। लेकिन राज्य सरकार ने बेहतरीन तरीके से स्थिति को संभालकर दिखाया है।’’

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ना सिर्फ ज्यादा से ज्यादा लोगों का जीवन बचाने में सफल रहा, बल्कि बाहर से लौटे श्रमिकों को रोज़गार देने में भी प्रशंसनीय काम किया।

भाषा जफर, ब्रजेंद्र सुरभि ब्रजेन्द्र नरेश

नरेश

 

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