हैदराबाद, 23 फरवरी (भाषा) नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अमिताभ कांत ने मंगलवार को कहा कि औषधि और चिकित्सा उपकरण समेत 10 प्रमुख क्षेत्रों के लिये घोषित उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना से देश में नवप्रवर्तन को गति मिलने की उम्मीद है।
डिजिटल तरीके से आयोजित बॉयो एशिया 2021 के एक सत्र में कांत ने कहा कि कुछ अध्ययनों से ये संकेत मिले हैं कि पूर्व में अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों पर 200 प्रतिशत कर प्रोत्साहन की योजना का दुरूपयोग हुआ है।
उन्होंने कहा, ‘‘इन योजनाओं को लेकर उत्साह है। हमें 83 विनिर्माताओं से 215 से ज्यादा आवेदन मिले है। व्यक्तिगत तौर पर मुझे लगता है कि पीएलआई योजना एपीआई (एक्टिव फार्मास्युटिकल इनग्रिडिएंट यानी दवाओं में उपयोग होने वाले प्रमुख रसायन) के मामले में देश को आत्मनिर्भर बनाने में मददगार होगी। इतना ही नहीं इससे दवाओं के विकास में नवप्रवर्तन को बढ़ावा मिलना चाहिए।’’
परिचर्चा में शामिल तेलंगाना के सूचना प्रौद्योगिकी और उद्योग मंत्री के टी रामाराव ने कहा कि नवप्रवर्तन के लिये 200 प्रतिशत कर प्रोत्साहन को कम कर 100 प्रतिशत किया जाने के कदम का प्रतिकूल असर होगा। साथ ही इससे नये दवाओं की खोज को लेकर नवप्रवर्तन खासकर राजग सरकार के आत्मनिर्भर भारत पहल भी हतोत्साहित होगी।
रामाराव ने कहा, ‘‘…बौद्धिक संपदा अधिकार या नये-नये उत्पादों के मामले में हमारी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है… विनिर्माण आधारित प्रोत्साहन-अनुसंधान एवं विकास पर दी जाने वाली सब्सिडी को कम किया गया है। इस प्रकार की चीजों का खासकर प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत अभियान पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।’’
कांत ने कहा कि नवप्रवर्तन और नई खोज के लिये उद्योग तथा शैक्षणिक क्षेत्रों के बीच मजबूत सहयोग जरूरी है।
भाषा
रमण महाबीर
महाबीर
(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
शेयर और मुद्रा बाजार आज बंद
3 hours agoइस सरकारी बैंक पर इनकम टैक्स ने लगाया 564 करोड़…
12 hours agoपीएनबी के बोर्ड ने अगले वित्त वर्ष में 10,000 करोड़…
14 hours agoशेयर बाजार ने शुरू की सौदे वाले दिन ही कारोबार…
14 hours ago