चंडीगढ़, 18 नवंबर (भाषा) पंजाब सरकार ने इस साल जून में लद्दाख की गलवान घाटी में शहीद हुए तीन सैनिकों के विवाहित भाइयों को नौकरी देने के लिए नियमों में बुधवार को रियायत दी ।
दो सैनिक चीनी सैनिकों के साथ लड़ते हुए शहीद हुए जबकि तीसरे सैनिक की वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब एक नदी के नजदीक गश्त के दौरान जान गई थी।
एक बयान के मुताबिक, सिपाही गुरतेज सिंह, सिपाही गुरबिंदर सिंह और लांस नाइक सलीम खान के सर्वोच्च बलिदान को सम्मान देने के लिए मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में इस बाबत फैसला किया गया।
नियमों के मुताबिक, ऐसे मामलों में परिवार के आश्रित सदस्य या करीबी रिश्तेदार को सरकारी नौकरी दी जाती है।
विज्ञप्ति के मुताबिक, तीनों सैनिकों के मामले में परिवार का आश्रित कोई सदस्य नहीं था, क्योंकि वे अविवाहित थे, लिहाजा सरकार ने उनके शादीशुदा भाइयों को अपवाद के तौर पर नौकरी देने का फैसला किया।
प्रवक्ता ने बताया कि मौजूदा नीति के तहत आश्रित सदस्य में विधवा या पत्नी, या आश्रित बेटा या आश्रित अविवाहित बेटी या गोद लिया गया आश्रित बेटा या गोद ली गई अविवाहित बेटी शामिल है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि “युद्ध नायकों पर आश्रित सदस्यों“ की परिभाषा में भी ना आते हुए तीनों सैनिकों के भाइयों ने नौकरी के लिए आवेदन किया।
उन्होंने बताया कि “युद्ध नायक“ के अविवाहित होने पर, एक आश्रित अविवाहित भाई या अविवाहित बहन नीति के तहत नियुक्त के पात्र होते हैं।
भाषा
नोमान मनीषा
मनीषा
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