आरबीआई ने प्रीपेड भुगतान साधनों के बीच पारस्परिकता को अनिवार्य किया | RBI mandates reciprocity between prepaid payment instruments

आरबीआई ने प्रीपेड भुगतान साधनों के बीच पारस्परिकता को अनिवार्य किया

आरबीआई ने प्रीपेड भुगतान साधनों के बीच पारस्परिकता को अनिवार्य किया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:23 PM IST, Published Date : April 7, 2021/11:32 am IST

मुंबई, सात अप्रैल (भाषा) प्रीपेड भुगतान साधन जारीकर्ताओं द्वारा आपस में प्रणालियों की पारस्परिकता को नहीं अपनाने पर नाराजगी जताते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बुधवार को कहा कि ऐसी कंपनियों को इस बात का प्रावधान करना होगा कि केवाईसी को पूरा करने वाले उसके ग्राहक दूसरी कंपनियों के ग्राहकों के साथ लेनदेन कर सकें।

इसके साथ ही केंद्रीय बैंक ने दिन के अंत में किसी पेमेंट बैंक के एक खाते में रहने वाली अधिकतम धनराशि की सीमा को बढ़ाकर दो लाख कर दिया।

गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि प्रीपेड भुगतान साधनों (पीपीआई) को 2018 में पारस्परिकता को अपनाने का विकल्प दिया गया था, जिसमें एक कंपनी के ग्राहक दूसरे पीपीआई या बैंकों के ग्राहकों को धनराशि भेज सकते हैं। यह विकल्प उन मामलों में दिया गया था, जहां केवाईसी (अपने ग्राहकों को जानें) पूरा हो चुका है।

दास ने कहा, ‘‘दो साल बीतने के बावजूद पूर्ण केवाईसी पीपीआई की ओर स्थानांतरण नहीं हुआ और इसलिए पारस्परिकता नहीं है। इसलिए पूर्ण केवाईसी पीपीआई के लिए पारस्परिकता को अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव है।’’

भाषा पाण्डेय मनोहर

मनोहर

 

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