नयी दिल्ली, 22 फरवरी (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने 2,397 करोड़ रुपये की कथित हेराफेरी के मामले में रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड के पूर्व स्वतंत्र निदेशक अविनाश चंद्र महाजन की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संदीप यादव ने कहा कि महाजन ने 14 कंपनियों को दिए गए ऋणों से खुद को अलग करने का प्रयास किया था। वे 14 कंपनियां प्रवर्तकों से संबंधित या उनके द्वारा नियंत्रित थीं।
अदालत ने कहा कि महाजन ने कथित ऋण प्रस्ताव को लेकर कोई चिंता व्यक्त नहीं की और न ही उसका विरोध किया। इससे धन की कथित हेराफेरी के लिए प्रवर्तकों व अन्य आरोपी लोगों के साथ स्पष्ट षड्यंत्र स्थापित होता है।
अदालत ने 20 फरवरी को पारित आदेश में कहा कि आवेदक ने न केवल ऋण को मंजूरी दी, बल्कि इसकी पुष्टि भी की।
अदालत ने कहा कि महाजन आपराधिक जवाबदेही से भाग नहीं सकते हैं और अपने कृत्य से उन्होंने आरएफएल कंपनी को कथित तौर पर नुकसान पहुंचाया वहीं प्रवर्तकों को गलत लाभ दिया। इसके साथ ही आवेदक (महाजन) अपने कर्तव्य का निर्वहन करने में बुरी तरह से विफल रहे।
अदालत ने कहा कि पुलिस के जवाब के अनुसार साजिश का पता लगाने के साथ ही षड्यंत्रकारियों की भूमिका की जानकारी जुटाने के लिए उनसे हिरासत में पूछताछ आवश्यक थी।
भाषा अविनाश नरेश
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