आरआईएनएल के चेयरमैन ने कहा, अब महामारी के प्रभाव से उबरने लगा है घरेलू इस्पात उद्योग | Rinl chairman says domestic steel industry is now recovering from impact of epidemic

आरआईएनएल के चेयरमैन ने कहा, अब महामारी के प्रभाव से उबरने लगा है घरेलू इस्पात उद्योग

आरआईएनएल के चेयरमैन ने कहा, अब महामारी के प्रभाव से उबरने लगा है घरेलू इस्पात उद्योग

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:54 PM IST, Published Date : October 18, 2020/9:11 am IST

(अभिषेक सोनकर)

नयी दिल्ली, 18 अक्टूबर (भाषा) भारतीय इस्पात उद्योग अब कोविड-19 महामारी और उसके प्रसार को रोकने के लिए लगाए अंकुशों के प्रभाव से उबरने लगा है। आरआईएनएल के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक पी के रथ ने यह बात कही।

रथ ने पीटीआई-भाषा से साक्षात्कार में कहा कि इस महामारी की वजह से चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही विशेषरूप से अप्रैल में इस्पात क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुआ था। हालांकि, अब मांग में सुधार के साथ बाजार उबरने लगा है।

रथ ने कहा, ‘‘जून से चरणबद्ध तरीके से अनलॉक की प्रक्रिया शुरू होने से निर्माण गतिविधियों और विभिन्न परियोजनाओं ने रफ्तार पकड़ी है, जिससे घरेलू इस्पात बाजार में मांग बढ़ी है। आगामी त्योहारी सीजन में रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन जैसे उत्पादों (वहाइट गुड्स) और वाहन क्षेत्र की मांग से इस्पात बाजार को और प्रोत्साहन मिलेगा।’’

उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सरकार की मल्टीमॉडल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं मसलन सागरमाला, भारतमाला और लॉजिस्टिक क्षेत्र में प्रतिबद्ध ढुलाई गलियारों से इस्पात उद्योग को मदद मिलेगी।

महामारी के बाद इस्पात विनिर्माताओं को अप्रैल में अपने परिचालन में 50 प्रतिशत तक कटौती करनी पड़ी थी। उस समय इस्पात कंपनियां अपने उत्पादों के निर्यात के लिए बाजार ढूंढ रही थीं।

हालांकि, अब लॉकडाउन नियमों में ढील के बाद इस्पात कंपनियों ने चरणबद्ध तरीके से अपने उत्पादन के स्तर को बढ़ाना शुरू कर दिया है। रथ ने कहा कि प्रमुख इस्पात कंपनियों ने अपनी उत्पादन क्षमता को बढ़ाना शुरू कर दिया है। रविवार को तीसरे ब्लास्ट फर्नेस के शुरू होने के साथ आरआईएनएल का उत्पादन भी 100 प्रतिशत के स्तर पर पहुंच जाएगा।

कंपनी के विशाखापत्तनम कारखाने में 25-25 लाख टन सालाना क्षमता के तीन ब्लास्ट फर्नेस हैं।

परिचालन को लेकर आरआईएनएल के समक्ष चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक ने कहा कि सरकार महामारी के प्रसार को रोकने के लिए समय-समय पर दिशानिर्देश जारी करती है। कार्यस्थलों पर श्रमबल की तैनाती को 50 प्रतिशत रखने की सलाह दी गई है। ‘‘इस वजह से हमें तीन में दो ब्लास्ट फर्नेस बंद कर उत्पादन में दो-तिहाई की कटौती करनी पड़ी।’’

रथ ने कहा कि मांग अपने निचले स्तर पर आ गई है, वहीं दूसरी ओर बढ़ता भंडार चिंता का विषय है। नकदी का प्रवाह भी प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि आरआईएनएल ने पश्चिम एशिया, चीन सहित दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों को प्रतिस्पर्धी कीमतों पर निर्यात कर अपने कारोबारी परिचालन का प्रबंधन किया। इससे कंपनी नकदी प्रवाह की चुनौतियों से निपटने में भी कामयाब रही।

आरआईएनएल ने अटल सुरंग परियोजना के लिए भी इस्पत की आपूर्ति की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में इस परियोजना का उद्घाटन किया है। इस परियोजना के लिए आरआईएनएल ने करीब 8,500 टन टीएमटी की आपूर्ति की है।

भाषा अजय अजय मनोहर

मनोहर

 

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