आंध्र प्रदेश में नकद हस्तांतरण योजनाओं के तहत 700 करोड़ रुपये गलत हाथों में चले गए | Rs 700 crore goes into wrong hands under cash transfer schemes in Andhra Pradesh

आंध्र प्रदेश में नकद हस्तांतरण योजनाओं के तहत 700 करोड़ रुपये गलत हाथों में चले गए

आंध्र प्रदेश में नकद हस्तांतरण योजनाओं के तहत 700 करोड़ रुपये गलत हाथों में चले गए

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:27 PM IST, Published Date : July 21, 2021/1:01 pm IST

(सूर्या देसराजू)

अमरावती, 21 जुलाई (भाषा) आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा लागू की जा रही विभिन्न प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण योजनाओं के तहत इस साल अब तक लगभग 700 करोड़ रुपये की राशि गलत हाथों में चली गई है। वित्त विभाग के शुरुआती सत्यापन में यह बात सामने आई है।

वाई एस जगन मोहन रेड्डी सरकार ने दावा किया है कि उसने जून 2019 और जून 2021 के बीच विभिन्न योजनाओं के तहत एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि दी है। जब राज्य के वित्त मंत्री बुगना राजेंद्रनाथ ने हाल ही में अपने विभाग के शीर्ष अधिकारियों के साथ नकद हस्तांतरण की स्थिति की समीक्षा की, तो विभिन्न योजनाओं के तहत सभी लाभार्थियों के आंकड़े के पुनर्मूल्यांकन करने का निर्णय लिया गया।

वित्त विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि कुछ प्रमुख योजनाओं की एक नमूना जांच ने लाभार्थियों के आंकड़ों में अंतर को उजागर किया और संकेत दिया कि ‘‘बड़ी रकम’’ गलत खातों में चली गई।

सूत्रों ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘हमने अभी शुरुआत की है, लेकिन मूल निष्कर्ष अपने आप में चौंकाने वाले हैं। अब हमें संदेह है कि पिछले दो वर्षों में 3,000 करोड़ रुपये से अधिक संदिग्ध व्यक्तियों के पास गए होंगे।’’

लाखों लाभार्थियों को बड़ी राशि देने वाली वार्षिक योजनाओं में प्रमुख हैं अम्मा वोडी (प्रत्येक मां को 15,000 रुपये), पीएम किसान रायथु भरोसा (प्रत्येक किसान को 13,500 रुपये), चेयुता (प्रत्येक बीसी, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति और 45 वर्ष से अधिक आयु की अल्पसंख्यक महिला को 18,750 रुपये), वाहन मित्र (प्रत्येक कैब / ऑटो चालक को 10,000 रुपये) और मत्स्यकार भरोसा (प्रत्येक मछुआरे को 10,000 रुपये) हैं।

गत 22 जून को चेयुता योजना के तहत 23,41,827 लाभार्थियों को 18,750 रुपये प्रत्येक को हस्तांतरित किये गये थे। वित्त विभाग के सूत्रों ने कहा कि लेकिन बाद में 89,694 महिलाओं के लिए 168.17 करोड़ रुपये का भुगतान रोक दिया गया है क्योंकि सरकार ने लाभार्थियों की वास्तविकता को सत्यापित करने की मांग की है।

गत 18 मई को मुख्यमंत्री ने मत्स्यकार भरोसा के तहत 1,19,875 मछुआरों के बैंक खातों में 119.88 करोड़ रुपये की राशि जमा करने के लिए कंप्यूटर बटन दबाया था लेकिन बाद में 21,736 कथित लाभार्थियों के लिए 21.73 करोड़ रुपये की राशि रोक दी गई क्योंकि अधिकारियों को उनकी सत्यता के बारे में ‘‘कुछ गड़बड़ी’’ लगी।

एक शीर्ष अधिकारी ने कहा, ‘‘अम्मा वोडी, जिसका उद्देश्य माताओं को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित करना है, की शुरुआत जनवरी 2020 में की गई थी लेकिन उसके बाद कोरोना वायरस के प्रकोप के कारण स्कूलों में मुश्किल से दो महीने ही चल पाए। इसलिए, यह सत्यापित करने का कोई तरीका नहीं है कि लक्षित बच्चों को स्कूलों में नामांकित किया गया है, जो योजना के तहत अनिवार्य है।’’

भाषा देवेंद्र माधव

माधव

 

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