मास्को, 22 सितंबर (एपी) रूसी विदेश मंत्री का कहना है कि अन्य राष्ट्रों के घरेलू मामलों में दखल देने के लिये देशों द्वारा प्रतिबंधों का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) को बताया कि ऐसे प्रतिबंधों से कोरोना वायरस महामारी, जलवायु परिवर्तन, सैन्य संघर्ष और अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद जैसे मुद्दों के खिलाफ प्रभावी विश्वव्यापी प्रतिक्रिया बाधित होती है।
न्यूयॉर्क में सोमवार को दिये गए भाषण में रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि कुछ देशों द्वारा “एकपक्षीय प्रतिबंधों के जरिये अन्य राष्ट्रों के घरेलू मामलों में दखल” का प्रयास आज “दुनिया के सामने मौजूद चुनौतियों” को खत्म करने की प्रक्रिया को बाधित करता है।
लावरोव ने सामुहिक सुरक्षा संधि संगठन (सीएसटीओ) की तरफ से दिये गए संबोधन में कहा, “हम मानते हैं कि काफी हद तक इसकी वजह यह तथ्य है कि कुछ देश अन्य राष्ट्रों के वैध हितों संबंधी समस्याओं का समाधान होते देखने के इच्छुक नहीं हैं।”
एससीटीओ में रूस, बेलारूस, आर्मेनिया, कजाख्स्तान,
किर्गिस्तान और तजाकिस्तान शामिल हैं।
मंत्री ने आरोप लगाया, “वे ‘नियम आधारित विश्व व्यवस्था’ की तरह परिकल्पनाएं और मानक थोपना चाहते हैं जबकि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विशेषाधिकारों का उल्लंघन करते हुए असहिष्णुता व द्वेषपूर्ण व्यवहार करते हुए एकपक्षीय प्रतिबंध लगाकर अन्य देशों के घरेलू मामलों में दखल का प्रयास करते हैं।”
लावरोव का यह बयान ऐसे समय आया है जब रूस और पश्चिमी देशों के बीच व्लादीमीर पुतिन के विरोधी अलेक्सई नवेलनी को लेकर तनाव बढ़ गया है। नवेलनी का बर्लिन में इलाज चल रहा है और जर्मन अधिकारियों का दावा है कि उन्हें नर्व एजेंट जहर दिया गया था।
एपी
प्रशांत नरेश
नरेश
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