स्वच्छता रैंकिंग सुधारने के लिए एसडीएमसी ने उठाए ‘जूता बैंक’, ‘गार्बेज कैफे’ जैसे कदम | SDMC takes steps like 'Shoe Bank', 'Garbage Cafe' to improve sanitation ranking

स्वच्छता रैंकिंग सुधारने के लिए एसडीएमसी ने उठाए ‘जूता बैंक’, ‘गार्बेज कैफे’ जैसे कदम

स्वच्छता रैंकिंग सुधारने के लिए एसडीएमसी ने उठाए ‘जूता बैंक’, ‘गार्बेज कैफे’ जैसे कदम

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:50 PM IST, Published Date : February 21, 2021/12:52 pm IST

नयी दिल्ली, 21 फरवरी (भाषा) स्वच्छता सर्वेक्षण में अपनी रैंकिंग सुधारने के उद्देश्य से दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) ने ‘खिलौना बैंक’ और ‘जूता बैंक’ शुरू करने जैसे कदम उठाए हैं। इनमें ‘गार्बेज कैफे’ के तहत एक पहल ऐसी भी है, जिसमें कोई भी व्यक्ति एक किलोग्राम प्लास्टिक कचरे के बदले में एक रेस्तरां में नि:शुल्क भोजन प्राप्त कर सकता है।

इन पहलों में उन जरूरतमंद बच्चों और बड़े लोगों की मदद करने का उद्देश्य भी शामिल है, जो अपने खिलौने या जूते नहीं खरीद सकते या जिन्हें उचित भोजन प्राप्त नहीं होता।

वर्ष 2020 के सरकारी स्वच्छता सर्वेक्षण में 10 लाख से अधिक आबादी वाले 47 शहरों की सूची में एसडीएमसी को 31 वां स्थान प्राप्त हुआ था।

वहीं, उत्तरी दिल्ली नगर निगम और पूर्वी दिल्ली नगर निगम को क्रमश: 43 वां और 46 वां स्थाना प्राप्त हुआ था।

‘गार्बेज कैफे’ की पहल 23 जनवरी को नजफगढ़ जोन के एक वार्ड में शुरू की गई थी। इस पहल के तहत लोगों को एक किलोग्राम प्लास्टिक कचरा लाने के बदले में एक रेस्तरां में नि:शुल्क नाश्ता, दोपहर भोज या रात्रिभोज मिलेगा। प्लास्टिक कचरे में पानी की खाली बोतलें, शीतल पेय की बोतलें, प्लास्टिक केन या इस तरह की अन्य सामग्री शामिल हो सकती है।

दक्षिणी दिल्ली की महापौर अनामिका ने कहा कि ‘स्वच्छ सर्वेक्षण’ के मद्देनजर एसडीएमसी ने कई कदम उठाए हैं और ‘गार्बेज कैफे’ एक विशिष्ट पहल है।

एसडीएमसी ने ‘प्लास्टिक लाओ, खाना खाओ’ पहल के तहत और अधिक ‘‘गार्बेज कैफे’’ खोलने का भी फैसला किया है।

इससे पहले दिसंबर में, एसडीएमसी ने नजफगढ़ जोन में एक ‘खिलौना बैंक’ खोला था, ताकि यहां लाए जाने वाले खिलौने जरूरतमंद बच्चों को वितरित किए जा सकें।

महापौर अनामिका ने उस समय कहा था कि ‘स्वच्छ सर्वेक्षण-2021’ को ध्यान में रखते हुए ‘खिलौना बैंक’ खोला गया है और लोग पुराने खिलौनों को फेंकने की जगह इस बैंक में दान कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि जो बच्चे खिलौने नहीं खरीद सकते, वे यहां आकर खेल सकते हैं और खिलौने अपने साथ लेकर भी जा सकते हैं।

इस तरह का पहला बैंक नजफगढ़ जोन के द्वारका सेक्टर 23 स्थित एसडीएमसी सामुदायिक केंद्र में है।

एसडीएमसी ने हाल ही में सुभाष नगर क्षेत्र में एक ‘जूता बैंक’ भी खोला है और उसका दावा है कि यह दिल्ली में अपनी तरह का पहला बैंक है।

एसडीएमसी का कहना है इन पहलों के तहत लोग पुराने जूतों और खिलौनों को फेंकने की जगह इन बैंकों में दान करेंगे, जिससे जरूरतमंद बच्चों और बड़े लोगों की मदद करने के साथ ही स्वच्छता को भी बढ़ावा मिलेगा।

इसने कहा कि इसी तरह ‘गार्बेज कैफे’ भी स्वच्छता की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देगा।

एसडीएमसी ने लोगों से जरूरतमंदों के लिए पुराने और नए खिलौने तथा जूते और स्कूल बैग दान करने की अपील की है।

भाषा नेत्रपाल दिलीप

दिलीप

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)