सैमसंग को नोएडा में भूमि हस्‍तांतरण पर स्‍टांप ड्यूटी में छूट मिलेगी | Samsung to get stamp duty exemption on land transfer in Noida

सैमसंग को नोएडा में भूमि हस्‍तांतरण पर स्‍टांप ड्यूटी में छूट मिलेगी

सैमसंग को नोएडा में भूमि हस्‍तांतरण पर स्‍टांप ड्यूटी में छूट मिलेगी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:49 PM IST, Published Date : December 11, 2020/2:36 pm IST

लखनऊ, 11 दिसंबर (भाषा ) उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा में मोबाइल और आईटी डिस्प्ले उत्पादों की विनिर्माण इकाई स्थापित करने के लिए सैमसंग डिस्प्ले नोएडा प्राइवेट लिमिटेड को उप्र इलेक्‍ट्रानिक विनिर्माण नीति-2017 के अन्‍तर्गत भूमि हस्‍तांतरण पर स्‍टांप ड्यूटी में छूट देने का फैसला किया है।

शुक्रवार को मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की अध्‍यक्षता में संपन्‍न हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्‍ताव को मंजूरी दी गई।एक आधिकारिक प्रवक्‍ता ने शुक्रवार को बताया कि कंपनी फेज-दो, नोएडा में 4825 करोड़ रुपये के निवेश से मोबाइल और आइटी डिस्‍पले उत्‍पादों के निर्माण के लिए एक इकाई स्‍थापित कर रही है।

मुख्‍यमंत्री ने इस कंपनी को मामला – दर -मामला आधारित विशेष प्रोत्‍साहन देने के संबंध में तीन वरिष्‍ठ मंत्रियों की अध्‍यक्षता में एक समिति गठित की गई थी जिसकी अनुशंसा के बाद विशेष प्रोत्‍साहन काक अनुमति दी गई है।

इस फैसले के लागू होने से निवेशक को उप्र इलेक्‍ट्रानिक विनिर्माण नीति-2017 के अन्‍तर्गत सैमसंग को पूंजी उत्‍पादन, भूमि हस्‍तांतरण पर स्‍टांप ड्यूटी में छूट मिलेगी।

चीन से विस्‍थापित होकर उत्‍तर प्रदेश आ रही इस परियोजना को पूंजी उपादान के लिए भारत सरकार द्वारा जारी एक योजना के अन्‍तर्गत निर्धारित मानकों के अनुसार स्थिर पूंजी निवेश में पुरानी मशीनों की लागत को भी अनुमन्‍य किया जाएगा। इस परियोजना के लिए प्रदेश सरकार पर पांच वर्षों की अवधि में 250 करोड़ रुपये का वित्‍तीय प्रावधान करना होगा।

कंपनी सेंट्रम की ‘स्कीम फॉर प्रमोशन ऑफ मैन्युफैक्चरिंग इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स एंड सेमीकंडक्टर्स (स्पेसस)’ के तहत 460 करोड़ रुपये की वित्तीय प्रोत्साहन राशि भी प्राप्त करेगी। उल्‍लेखनीय है कि दुनिया में टीवी, मोबाइल फोन, टैबले आदि में उपयोग किए जाने वाले कुल डिस्प्ले उत्पादों में से 70 प्रतिशत से अधिक सैमसंग द्वारा दक्षिण कोरिया, वियतनाम और चीन में निर्मित किए जाते हैं।

सरकार का कहना है कि यह परियोजना उप्र को निर्यात हब की वैश्विक पहचान प्रदान करेगी और राज्य को अधिक विदेशी निवेश प्राप्त करने में मदद करेगी।

भाषा आनन्‍द मनोहर

मनोहर

 

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