पैरालंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले संदीप प्रतियोगिता के इतर डोप परीक्षण से पहले गायब | Sandeep, who qualifies for Paralympics, disappears before dope test on the sidelines of competition

पैरालंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले संदीप प्रतियोगिता के इतर डोप परीक्षण से पहले गायब

पैरालंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले संदीप प्रतियोगिता के इतर डोप परीक्षण से पहले गायब

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:43 PM IST, Published Date : March 2, 2021/11:28 am IST

(फिलेम दीपक सिंह)

नयी दिल्ली, दो मार्च (भाषा) विश्व चैंपियन और तोक्यो पैरालंपिक खेलों के लिए क्वालीफाई कर चुके भाला फेंक के खिलाड़ी संदीप चौधरी कथित रूप से यहां ट्रेनिंग केंद्र पर प्रतियोगिता के इतर डोप परीक्षण से पहले लापता हो गए। भारतीय पैरालंपिक समिति (पीसीआई) के अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

टारगेट ओलंपिक पोडिया योजना (टॉप्स) में शामिल चौधरी के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम परिसर से ‘भागने’ से कोविड-19 महामारी को देखते हुए लागू नियमों को लेकर गंभीर चिंताएं खड़ी हो गई हैं।

पीसीआई अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर पीटीआई को बताया, ‘‘जब हाल में विदेश से डोप परीक्षण करने वाले अधिकारियों की टीम संदीप द्वारा दी रहने के स्थान संबंधी जानकारी के आधार पर नमूने लेने पहुंची तो वह लापता हो गया। हो सकता है कि वह जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम परिसर से भाग गया है जहां वह ट्रेनिंग कर रहा था।’’

इंडोनेशिया में 2018 एशियाई पैरा खेलों में भाला फेंक में स्वर्ण पदक जीतने वाले 24 साल के चौधरी से प्रतिक्रिया के लिए संपर्क नहीं हो पाया है।

चौधरी उन तीन भारतीय पैरा एथलीटों में शामिल हैं जो अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक समिति (आईपीसी) के पंजीकृत परीक्षण पूल का हिस्सा हैं। तोक्यो पैरालंपिक के लिए क्वालीफाई कर चुके भाला फेंक के खिलाड़ी सुंदर सिंह गुर्जर और सुमित भी इस पूल का हिस्सा हैं।

चौधरी सामान्यत: एफ-44 वर्ग में चुनौती पेश करते हैं जिनका एक पैर कटा होता है या एक या दोनों पैर में कमजोरी होती है। वे बिना कृत्रिम अंक के चुनौती पेश करते हैं।

अधिकारी ने कहा, ‘‘वह आईपीसी के आरटीपी का हिस्सा था इसलिए उसे नियमित रूप से (प्रत्येक तीन महीने में) रहने के स्थान संबंधी जानकारी देनी होती थी और रहने के स्थान संबंधी फॉर्म में दी जानकारी के आधार पर डोप परीक्षण करने वाले बिना जानकारी दिए आए थे। संभावना है कि किसी ने विदेश से डोप परीक्षण करने के लिए आने वालों की जानकारी उसे दे दी हो।’’

उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 के खतरे के कारण खिलाड़ियों की मूवमेंट को लेकर कड़े नियम हैं और पता नहीं चला है कि संदीप ट्रेनिंग केंद्र को छोड़कर कैसे चला गया। जब कोई खिलाड़ी शिविर में आता या जाता है तो उसे पृथकवास के नियमों का पालन करना पड़ता है।’’

चौधरी अगर अगले 12 महीने में दो और परीक्षण ‘मिस’ करते हैं तो उन्हें पहले उल्लंघन के लिए सजा दी जा सकती है और उन्हें दो साल तक के प्रतिबंध का सामना करना पड़ सकता है।

पंजीकृत परीक्षण पूल में शामिल खिलाड़ी को अपने घर का पता, ट्रेनिंग स्थल की जानकारी, प्रतियोगिता कार्यक्रम के अलावा यह बताया होता है कि वह दिन में कब और कहां एक बार 60 मिनट के लिए उपलब्ध रहेगा जिससे कि उसका परीक्षण हो सके।

अगर कोई खिलाड़ी 60 मिनट के समय के दौरान उपलब्ध नहीं रहता है तो माना जा सकता है कि वह परीक्षण ‘मिस’ कर गया।

वाडा की वेबसाइट के अनुसार खिलाड़ी को यह जानकारी देने का मौका दिया जाना चाहिए कि वह निश्चित समय के दौरान उस समय पर उपलब्ध क्यों नहीं था।

पीसीआई महासचिव गुरशरण सिंह ने कहा कि वह भारतीय खेल प्राधिकरण से सूचना जुटा रहे हैं कि यह घटना कैसे हुई।

उन्होंने कहा, ‘‘हम घटना की जानकारी मिली है लेकिन हमें नहीं पता कि यह कैसे हुआ। वह साइ की सुविधा पर ट्रेनिंग कर रहा था और वह वहां से कैसे चला गया यह हमारे नियंत्रण में नहीं है। इसलिए हमें साइ से जुड़े लोगों से पूछना होगा।’’

गुरशरण ने कहा, ‘‘संदीप पिछले महीने दुबई में फाजा अंतरराष्ट्रीय विश्व पैरा एथलेटिक्स ग्रां प्री प्रतियोगिता तक सभी डोप परीक्षण में पाक साफ रहा है।’’

भाषा सुधीर मोना

मोना

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)