गोरखपुर के रामगढ़ ताल में उतारेंगे सी-प्लेन : योगी | Sea plane to take off at Ramgarh Tal in Gorakhpur: Yogi

गोरखपुर के रामगढ़ ताल में उतारेंगे सी-प्लेन : योगी

गोरखपुर के रामगढ़ ताल में उतारेंगे सी-प्लेन : योगी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:07 PM IST, Published Date : January 13, 2021/6:39 pm IST

गोरखपुर (उप्र), 13 जनवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोरखपुर में बन रही महत्वाकांक्षी परियोजना के तहत रामगढ़ ताल में ‘सी प्लेन’ भी उतरेंगे।

राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी ने बुधवार को दो दिवसीय गोरखपुर महोत्सव के समापन समारोह को संबोधित करते हुए गोरखपुर के रामगढ़ ताल में ‘सी प्लेन’ उतारने संबंधी ऐलान किया और कहा कि जल्द ही इस संबंध में प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। सी-प्लेन हवाई अड्डे के साथ-साथ पानी में भी उतर सकेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर से आज देश के सभी प्रमुख शहरों के लिए नौ उड़ानें हैं। कुशीनगर से जल्द ही अंतरराष्ट्रीय उड़ान शुरू हो जाएगी और आने वाले दिनों में यदि किसी को आवश्यकता पड़ेगी तो वह सर्किट हाउस के पास से सी-प्लेन पकड़ कर देश के किसी भी कोने में पहुंच जाएगा।

मुख्यमंत्री ने लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि कोरोना से लड़ने और बचने के लिए जिस संयम, मर्यादा और अनुशासन का पालन किया गया उसी तरह का धैर्य रखते हुए कोरोना के टीके के लिए अपनी बारी का इंतजार करें।

उन्होंने कहा, ‘‘मकर संक्रांति के बाद 16 जनवरी से कोरोना पर अंतिम प्रहार के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व तथा मार्गदर्शन में कोरोना टीकाकरण का महाभियान शुरू हो रहा है। यह सभी के लिए होगा लेकिन टीके के लिए उतावलापन न दिखाएं, भीड़ न लगाएं बल्कि संयम के साथ अपनी बारी की प्रतीक्षा करें।’’

समारोह के दौरान ही मुख्यमंत्री ने रामगढ़ ताल के तट पर प्रदेश के सबसे ऊंचे राष्ट्रीय ध्वज का वर्चुअल लोकार्पण किया। तिरंगे की ऊंचाई 246 फीट (75 मीटर) है और ऊंचाई के लिहाज से यह पूरे देश में 10वां सबसे ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज है।

इसके साथ ही उन्होंने नया सवेरा के प्रवेश द्वार और पैडलेगंज के पास स्थित बुद्ध द्वार का वर्चुअल लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री ने समारोह की स्मारिका का भी विमोचन किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वाधीनता आंदोलन को निर्णायक दिशा देने वाली आगामी चार फरवरी की चौरीचौरा की घटना के शताब्दी वर्ष पर पूरे साल कार्यक्रम होंगे ताकि आजादी दिलाने वाले महापुरुषों के प्रति श्रद्धा निवेदित हो सके। साथ ही इन महापुरुषों के स्मरण को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाएगा।

भाषा सलीम मानसी

मानसी

 

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