BJP को अपना चुनावी वादा याद दिलाएंगे शिक्षामित्र, सोमवार से चलाया जाएगा विशेष अभियान | Shikshamitra to remind BJP of its election promise by launching campaign

BJP को अपना चुनावी वादा याद दिलाएंगे शिक्षामित्र, सोमवार से चलाया जाएगा विशेष अभियान

BJP को अपना चुनावी वादा याद दिलाएंगे शिक्षामित्र, सोमवार से चलाया जाएगा विशेष अभियान

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:52 PM IST, Published Date : June 20, 2021/11:31 am IST

लखनऊ, 20 जून (भाषा) अरसे से समायोजन की बाट जोह रहे उत्तर प्रदेश के डेढ़ लाख से ज्यादा शिक्षा मित्र सोमवार से एक अभियान के तहत सत्तारूढ़ भाजपा को अपना चुनावी वादा याद दिलाएंगे। उत्तर प्रदेश दूरस्थ बीटीसी शिक्षक संघ की प्रांतीय कोर कमेटी की रविवार को हुई बैठक में इस अभियान के सिलसिले में फैसला किया गया।

संघ के प्रांतीय अध्यक्ष अनिल यादव ने बताया कि बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि 21 से 30 जून तक पूरे प्रदेश में शिक्षा मित्र सरकार के तमाम मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और भाजपा जिला अध्यक्षों को पत्र सौंपकर 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा के संकल्प पत्र में शिक्षा मित्रों से किये वादे को पूरा कराने का आग्रह करेंगे।

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उन्होंने आगाह किया कि अगर उसके बाद भी 31 जुलाई तक शिक्षा मित्रों के भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सरकार ने ठोस कदम नहीं उठाया तो अगस्त में शिक्षामित्रों को एक बार फिर लखनऊ की सड़कों पर आने के लिए मजबूर होना पड़ेगा जिसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार पर होगी।

यादव ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार 2017 के अपने चुनावी वादे को पूरा करते हुए राज्य सरकार शिक्षक नियमावली में संशोधन कर प्रदेश के एक लाख 62 हजार शिक्षा मित्रों को पुनः शिक्षक पद पर समायोजित करे ताकि पिछले 21 वर्षों से प्राथमिक विद्यालयों में अपनी सेवा दे रहे शिक्षा मित्र भी अपने परिवार का सम्मान सहित गुजारा कर सकें, अब 10 हजार रुपये प्रतिमाह में परिवार का भरण-पोषण मुमकिन नहीं है।

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उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले कई वर्षों से शिक्षा मित्र लोकतांत्रिक तरीके से अपनी आवाज उठा रहे हैं लेकिन सरकार उनकी सुनवाई नहीं कर रही है। यादव ने कहा कि 2014 में तत्कालीन अखिलेश यादव नीत सपा सरकार ने शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक पद पर तैनाती दी थी। सरकार के इस फैसले को उच्च न्यायालय ने निरस्त कर दिया था। बाद में मामला उच्चतम न्यायालय पहुंचा वहां भी उच्च न्यायालय के आदेश को बहाल रखा गया।

उन्होंने कहा कि 2017 में जब यह अदालती कार्यवाही चल रही थी, उसी वक्त भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपने संकल्प पत्र में यह वादा किया था कि वह शिक्षामित्रों की समस्याओं का कानून के दायरे में रहते हुए समाधान करेगी इसके लिए शिक्षक नियमावली में संशोधन की बात कही गयी थी लेकिन उसने इस दिशा में कुछ भी नहीं किया।

 

 
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