जोहानिसबर्ग, 17 जुलाई (भाषा) दक्षिण अफ्रीका के एक एनजीओ ने भारत के सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी के नेता विजय जॉली द्वारा उच्चायुक्त सिबुसिसो एनडेबेले को संबोधित करते हुए लिखे गए पत्र पर प्रतिक्रिया दी है। पत्र में दक्षिण अफ्रीका में कथित रूप से हिंसा निशाने पर कहे जा रहे भारतीय समुदाय की रक्षा की मांग की गई है।
अहमद खतरदा फाउंडेशन (एकेएफ) के कार्यकारी निदेशक निशान बैल्टन ने जॉली के पत्र के जवाब में कहा, ”भारतीय मूल के अधिकतर दक्षिण अफ्रीकी देश के नागरिक हैं, भारत के नहीं और इसलिए ये चिंताएं शायद गलत हैं।”
बैल्टन ने कहा, ”यदि आप सभी दक्षिण अफ्रीकियों की भलाई के बारे में चिंतित होते, तो इसकी बेहतर सराहना की जाती। शायद आपका पत्र दक्षिण अफ्रीका में भारतीय नागरिकों के बारे में चिंता व्यक्त करता है और यही बात अधिक समझ में आती है।”
जॉली ने अपने पत्र में दक्षिण अफ्रीका की अशांति को देश का आंतरिक मुद्दा बताया था।
जॉली ने कहा, ”पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा की गिरफ्तारी के बाद दक्षिण अफ्रीका में अशांति आपका आंतरिक मामला है। लेकिन दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ लड़ने वाले भारतीयों के खिलाफ हिंसा घृणित है।”
जॉली ने पत्र में लिखा, ”हम दक्षिण अफ्रीका में सभी भारतीयों के जीवन, संपत्ति और सम्मान की सुरक्षा की मांग करते हैं।”
पत्र में उन्होंने कई बार आरोप लगाया कि पूर्व राष्ट्रपति जुमा को सात जुलाई को जेल भेजे जाने के बाद हुए हिंसक प्रदर्शन में भारतीय समुदाय निशाने पर आ गया है। जुमा को भ्रष्टाचार के मामले में 15 महीने कैद की सजा सुनाई गई है।
एकेएफ का नाम भारतीय मूल के एक कार्यकर्ता अहमद कथराडा के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका को लोकतंत्र की ओर ले जाने के लिए एक राजनीतिक कैदी के रूप में रोबेन द्वीप पर नेल्सन मंडेला के साथ लगभग एक साल बिताया था। यह संगठन किसी भी तरह के नस्लभेद का विरोध करता है।
भाषा
जोहेब रंजन
रंजन
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