उच्चतम न्यायालय ने जेपी इन्फ्रा की समाधान योजना को मंजूरी का मामला सीओसी को भेजा | Supreme Court sends jp infra's settlement plan to COC for approval

उच्चतम न्यायालय ने जेपी इन्फ्रा की समाधान योजना को मंजूरी का मामला सीओसी को भेजा

उच्चतम न्यायालय ने जेपी इन्फ्रा की समाधान योजना को मंजूरी का मामला सीओसी को भेजा

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:37 PM IST, Published Date : March 24, 2021/3:23 pm IST

नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने कर्ज के बोझ से दबी जेपी इन्फ्राटेक लि. (जेआईएल) की समाधान योजना को मंजूरी का मुद्दा वापस ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) के पास भेज दिया है। न्यायालय ने कहा कि कंपनी के अधिग्रहण के लिए कोई नया रुचि पत्र (ईओआई) नहीं शामिल किया जा सकता है। सिर्फ सार्वजनिक क्षेत्र की एनबीसीसी और सुरक्षा रियल्टी को ही संशोधित प्रस्ताव देने की अनुमति होगी।

इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने समाधान प्रक्रिया को 45 दिन बढ़ाने का भी निर्देश दिया।

राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) द्वारा आईडीबीआई बैंक की अगुवाई वाले गठजोड़ के आवेदन को स्वीकार करने के बाद अगस्त, 2017 में जेएलआई दिवाला प्रक्रिया में गई थी। उसके बाद से यह चौथी बार है जबकि उच्चतम न्यायालय इस मामले में फैसला सुनाया गया है।

पिछले साल तीन मार्च को एनसीएलटी ने एनबीसीसी की दिवाला प्रक्रिया के जरिये जेआईएल के अधिग्रहण और अगले साढ़े तीन साल में 20,000 फ्लैटों को पूरा करने की अनुमति दी थी। इस आदेश को राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) और उसके बाद उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई।

न्यायमूर्ति ए एम खानविल्कर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने संविधान के अनुच्छेद 142 में प्रदत्त पूर्ण अधिकारों का इस्तेमाल करते हुए यह निर्देश दिया।

पीठ ने समाधान योजना को मंजूरी का मामला जेआईएल की सीओसी को भेजते हुए समाधान की प्रक्रिया को पूरा करने की समयसीमा को इस फैसले की तारीख से 45 दिन और बढ़ा दिया है। पीठ ने अपने 375 पृष्ठ के फैसले में कहा है कि जेपी समूह द्वारा शीर्ष अदालत में जमा कराए गए 750 करोड़ रुपये जिसे बाद में एनसीएलटी को स्थानांतरित कर दिया गया, जयप्रकाश एसोसिएट्स की संपत्ति हैं।

भाषा अजय अजय मनोहर

मनोहर

 

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