नयी दिल्ली, नौ जून (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के आनुषांगिक संगठन स्वदेशी जागरण मंच (एसजेएम) ने बुधवार को वैज्ञानिक समुदाय एवं वैश्विक नेताओं से कोरोना वायरस के उद्गम का पता लगाने के लिए ‘संगठित प्रयास’ करने का आह्वान किया।
कई नये शोधों के निष्कर्षों में इस वायरस की चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलोजी में उत्पति का खुलासा होने का दावा करते हुए उसने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) वायरस के उद्गम का अध्ययन कर रहा है ‘लेकिन वह महज खानापूर्ति है।’
एसजेएम ने आरोप लगाया कि डब्ल्यूएचओ वायरस के उद्गम का वुहान इंस्टीट्यूट से स्पष्ट संबंध कायम नहीं कर पाया क्योंकि ‘‘वह चीन के गहरे दबाव में है।’’
उसने कहा, ‘‘ डब्ल्यूएचओ अपनी विश्वसनीयता गंवा बैठा है..। स्वदेशी जागरण मंच भारत एवं दुनिया के वैज्ञानिक समुदाय एवं वैश्विक नेताओं से इस वायरस की उत्पति के मुद्दे की जड़ तक पहुंचने तथा इस वायरस की रचना एवं उसे फैलाने में लगे लोगों या देशों की जिम्मेदारी तय करने के लिए संगठित प्रयास करने का आह्वान करता है ताकि क्षतिपूर्ति का मार्ग प्रशस्त हो तथा यह सुनिश्चित हो कि भविष्य में ऐसी स्थिति कभी पैदा न हो। ’’
कोरोना वायरस की उत्पति पर डब्ल्यूएचओ के निष्कर्ष पर सवाल उठाते हुए एसजेएम ने आरोप लगाया कि यह वैश्विक निकाय और उसके प्रमुख ट्रेड्रोस अधनाम इस महामारी की शुरुआत से ही ‘संदेह’ के दायरे में हैं।
एसजेएम ने कहा, ‘‘ ह्यूमन राइट्स वाच के निदेशक केन रोथ ने कहा है कि डब्ल्यूएचओ संस्थानात्मक संलिप्तता का गुनाहगार है। उन्होंने यह बयान डब्ल्यएचओ के उस बयान के संदर्भ में कहा था जिसमें उसने चीन के झूठ को आंख मूंदकर मान लिया था और जनवरी 2020 में कहा था कि यह वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में नहीं फैलता है। ’’
उसने कहा, ‘‘ सभी को इस वायरस की उत्पति के बारे में जानने का हक है जिसने पिछले 15 महीनों में दुनिया एवं मानवता को तबाह कर दिया है। कोरोना वायरस के उद्गम के स्रोत को बिना जाने हम इस समस्या का हल नहीं कर सकते।’’
आरएसएस के इस संगठन ने वायरस की उत्पति की ‘त्वरित जांच’ की वकालत की।
भाषा राजकुमार नरेश
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