सरगुजा। जिले के मैनपाट वनपरिक्षेत्र में विगत 2 महीने से 9 सदस्यीय हाथियों का दल डेरा जमाए हुए हैं। यहाँ भोजन की तलाश में 9 सदस्यीय हाथियों के दल का जमकर उत्पात देखने को मिल रहा है। मैनपाट वनपरिक्षेत्र का तराई क्षेत्र हो या ऊपरी क्षेत्र हो यहां गजराज के उत्पात से ग्रामीण डर के साये में जीने को मजबूर हो गए हैं।
Read More News: नए साल पर छत्तीसगढ़ के राज्य प्रशासनिक सेवा के अफसरों को मिली बड़ी सौगात, 7 अधिकारी
बीती रात 9 सदस्यीय हाथियों का दल भोजन की तलाश में मैनपाट वनपरिक्षेत्र के बिलाईढोढ़ी के रिहायशी इलाकें आकर भोजन की तलाश में ग्रामीणों के मकानों में घुस गया। हाथियों के चिंघाड़ से गनीमत ग्रामीण अपने घरों से निकलकर भागने में सफल हुए। तब जाकर उनकी जान बची। वहीं गजराज के दल के उत्पात से परेशान ग्रामीणों ने कड़ाके के ठण्ड के बीच रात गुजारी। इस तरह अपना और अपने परिवार की सुरक्षा की।
Read More News: रमन सिंह का पुराना पत्र वायरल कर कांग्रेस ने कहा- प्रदेश की जनता चाहती है कि आप ऐसी ही एक और चिट्ठी प्रधानमंत्री को लिखें
जब सुबह हुआ तो ग्रामीणों ने देखा कि उनके मकानों को हाथियों के दल ने तोड़ दिया है और घर पर रखें अनाज को चट कर दिया है जिससे ग्रामीणों की चिंता और भी बढ़ गई है। वहीं जब IBC24 की टीम वन विभाग के अमलें से मामले में बातचीत की तो उन्होंने बताया कि हाथियों के उत्पात से जिन ग्रामीणों के मकानों और फसलों को नुकसान हुए हैं। तत्काल उसका मुआवजा तैयार कर ग्रामीणों को दिया जाएगा।
Read More News: MP Ki Baat: अब दलाल गैंग पर टेढ़ी नजर! आखिर मंत्रियों को इस वक्त चेताने की जरुरत क्यों पड़ी?
वन विभाग की टीम ने बताया की दिन में हाथियों का दल रायगढ़ सीमा से लगे जंगल में चला जाता है और रात में सरगुजा जिले के मैनपाट के रिहायशी इलाकों में आ पहुंचता है जिससे उनकी चिंता और भी बढ़ जाती है। फिलहाल वन विभाग का अमला मैदानी इलाकों में जाकर गजराज द्वारा ग्रामीणों के नुकसान हुए फसलों और मकानों के क्षतिपूर्ति के लिए मुआवजा तैयार करने में जुटा हुआ है।
Read More News: ’राजा’ नहीं किसान…बढ़ा कद, बढ़ी जिम्मेदारी! क्या विपक्ष तोड़ पाएगी किसान हितैषी और मजबूत किसान पुत्र वाली छवि