'मेंढक चाल' में नाकाम व्यक्ति को तहसीलदार ने मारी लात, मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट | Tehsildar kicks man who failed to 'frog move', Human Rights Commission seeks report

‘मेंढक चाल’ में नाकाम व्यक्ति को तहसीलदार ने मारी लात, मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट

'मेंढक चाल' में नाकाम व्यक्ति को तहसीलदार ने मारी लात, मानवाधिकार आयोग ने मांगी रिपोर्ट

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:52 PM IST, Published Date : May 3, 2021/1:39 pm IST

इंदौर (मध्यप्रदेश), तीन मई (भाषा) जिले में कोविड-19 की रोकथाम के लिए लागू जनता कर्फ्यू के उल्लंघन की सजा के तौर पर ‘मेंढक चाल’ चलने में नाकाम रहे एक व्यक्ति पर आग-बबूला होकर तहसीलदार ने उसे कथित रूप से जोरदार लात मार दी।

इस वाकये के वीडियो के साथ एक नागरिक की शिकायत पर राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति नरेंद्र कुमार जैन ने सोमवार को इंदौर संभाग के आयुक्त, इंदौर के जिलाधिकारी और देपालपुर के तहसीलदार से हफ्ते भर में रिपोर्ट तलब की। आयोग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

यह घटना इंदौर से 40 किलोमीटर दूर देपालपुर कस्बे में रविवार को सामने आई। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसमें पुलिस और प्रशासन के अधिकारी उन लोगों को मेंढक चाल (दोनों पैरों के बल जमीन पर बैठकर मेंढक की तरह उछल-उछल कर चलना) चलने की सजा देते नजर आ रहे हैं जो जनता कर्फ्यू का उल्लंघन कर बाहर घूम रहे थे।

चश्मदीदों के मुताबिक इन लोगों को मेंढक चाल चलवाकर ढोल की धुन पर कस्बे में जुलूस के रूप में घुमाया जा रहा था और इनमें से एक व्यक्ति किसी परेशानी के चलते मेंढक चाल नहीं चल पा रहा था, इस पर एक तहसीलदार ने गुस्से में व्यक्ति के शरीर के पिछले हिस्से में कथित रूप से जोरदार लात मार दी।

इस वाकये के बारे में पूछे जाने पर जिलाधिकारी मनीष सिंह ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा, ‘उन्होंने (तहसीलदार) इस प्रकार का जो कृत्य किया, वह बिल्कुल गलत था और मैंने इसके लिए उन्हें डांटा भी है।’

जिलाधिकारी ने यह भी कहा, ‘जब भी महामारी रोग अधिनियम लागू होता है, तब कोई भी व्यक्ति नहीं कह सकता कि उसकी जान की जिम्मेदारी केवल उसी की है। उसकी जान की जिम्मेदारी प्रशासन की रहती है। अगर वह व्यक्ति कोई लापरवाही करता है, तो दंड का भागी जरूर होता है।’

गौरतलब है कि इंदौर, सूबे में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है जहां महामारी की दूसरी लहर की रोकथाम के लिए जनता कर्फ्यू (आंशिक लॉकडाउन) लागू है। कर्फ्यू के दौरान लोगों को बेहद जरूरी काम होने पर ही घर से बाहर निकलने की इजाजत है।

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक करीब 35 लाख की आबादी वाले जिले में 24 मार्च 2020 से लेकर अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 1,16,280 मरीज मिले हैं। इनमें से 1,163 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।

भाषा हर्ष रंजन

रंजन

 

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