नयी दिल्ली, 12 जनवरी (भाषा) अनुसंधानकर्ताओं ने अपनी तरह के पहले अध्ययन में कोविड-19 के गंभीर रोगियों के फेफड़ों की प्रतिरक्षक कोशिकाओं का क्रमबद्ध तरीके से विश्लेषण किया है और उनकी तुलना निमोनिया पीड़ितों से की है। इस तुलनात्मक विश्लेषण से पता चला है कि नोवेल कोरोना वायरस संक्रमण अपेक्षाकृत अधिक तेजी से कैसे फैलता है।
पत्रिका ‘नेचर’ में प्रकाशित नये अध्ययन के अनुसार कोरोना वायरस फेफड़े के बड़े क्षेत्रों को तेजी से संक्रमित करने के बजाय अनेक छोटे क्षेत्रों में पैठ बना लेता है और प्रतिरक्षक कोशिकाओं पर कब्जा करके कुछ दिन या सप्ताह की अवधि में श्वसन तंत्र में फैल जाता है।
अनुसंधानकर्ताओं के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण काफी नुकसान पहुंचाता है क्योंकि यह धीरे-धीरे फेफड़ों में फैलता है और रोगी को बुखार बना रहता है। यह रक्तचाप कम करता है और गुर्दों, मस्तिष्क, हृदय तथा रोगी के अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचाता है।
अमेरिका में नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों समेत विशेषज्ञों ने कहा कि कोविड-19 में निमोनिया की तुलना में अधिक जटिलता का कारण संक्रमण या बीमारी का अधिक गंभीर होने की तुलना में अधिक समय तक रहना है।
उन्होंने वेंटिलेटर पर कोविड-19 के 86 रोगियों के फेफड़ों के तरल का विश्लेषण किया और उसकी तुलना विभिन्न प्रकार के निमोनिया से ग्रस्त वेंटिलेटर पर मौजूद 256 रोगियों के फेफड़ों के तरल से की।
भाषा वैभव नरेश
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