मुंबई,17 जुलाई (भाषा) बंबई उच्च न्यायालय ने केन्द्र सरकार को शनिवार को निर्देश दिए कि वह एक हलफनामा दाखिल करके इस बात की विस्तृत जानकारी दे कि वह राज्यों को कोविड-19 रोधी टीकों का आवंटन किस प्रकार से करती है।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता एवं न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की खंडपीठ ने शहर निवासी योगिता वनजारा की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिए। वनजारा ने अपनी याचिका में कोविड-19 रोधी टीके के लिए कोविन पोर्टल के जरिए समय लेने में लोगों को पेश आ रही दिक्कतों पर जिंता जाहिर की थी।
याचिकाकर्ता के वकील जमशेद मास्टर ने अदालत को बताया कि वर्तमान में मुंबई में केवल 14 लाख लोगों को टीके की दोनों खुराक मिली हैं,वहीं 50 लाख लोगों को टीके की पहली खुराक ही मिली है।
उन्होंने कहा,‘‘ शहर की केवल छह प्रतिशत आबादी का ही पूर्ण टीकाकरण हुआ है।’’ उन्होंने कहा इस दर से पूरी आबादी के पूर्ण टीकाकारण में तो तीन से चार वर्ष का समय लग जाएगा।
पीठ ने कहा कि वह केन्द्र सरकार को टीकों के आवंटन के संबंध में निर्देश नहीं दे सकती क्योंकि वह एक अखिल भारतीय नीति है। अदालत ने केन्द्र को इस बात का ब्योरा देने को कहा कि किस प्रकार से टीके का ऑर्डर टीका निर्माताओं को दिया जाता है और टीके की आपूर्ति कितने दिन में होती है? इसके अलावा केन्द्र सरकार को यह भी बताने को कहा गया है कि वह किस प्रकार से राज्यों को टीकों का आवंटन करती है।
राज्य ने एक हलफनामा पेश करके अदालत को बताया कि वह टीका निर्माता से सूचना मिलने के बाद सप्ताह में तीन बार टीके उनसे लेता है,और इसके बाद टीके की खुराकें राज्य भर के टीकाकरण केन्द्रों तक पहुंचाई जाती हैं। हालांकि इस हलफनामे में राज्य द्वारा प्राप्त किए गए टीके की संख्या को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई। मामले में अगली सुनवाई दो अगस्त को होगी।
भाषा शोभना शफीक
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