तृणमूल ने वाम मोर्चा, कांग्रेस से भाजपा के खिलाफ लड़ाई में ममता का समर्थन करने की अपील की | Trinamool urges Left Front, Congress to support Mamata in fight against BJP

तृणमूल ने वाम मोर्चा, कांग्रेस से भाजपा के खिलाफ लड़ाई में ममता का समर्थन करने की अपील की

तृणमूल ने वाम मोर्चा, कांग्रेस से भाजपा के खिलाफ लड़ाई में ममता का समर्थन करने की अपील की

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:04 PM IST, Published Date : January 13, 2021/9:53 am IST

कोलकाता, 13 जनवरी (भाषा) तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को वाम मोर्चे और कांग्रेस से भाजपा की ‘‘सांप्रदायिक एवं विभाजनकारी’’ राजनीति के खिलाफ लड़ाई में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का साथ देने की अपील की है।

राज्य की 294 विधानसभा सीटों पर अप्रैल-मई में चुनाव होने हैं।

तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय ने पत्रकारों से कहा, ‘‘अगर वाम मोर्चा और कांग्रेस वास्तव में भाजपा के खिलाफ हैं तो उन्हें भगवा दल की सांप्रदायिक एवं विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ लड़ाई में ममता बनर्जी का साथ देना चाहिए।’’

उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ही ‘‘भाजपा के खिलाफ धर्मनिरपेक्ष राजनीति का असली चेहरा’’ हैं।’’

रॉय ने दावा कि केन्द्र में भाजपा नीत सरकार द्वारा शुरू की गई एक भी योजना सफल नहीं हुई।

उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस विकास के हितों में रचनात्मक आलोचना में विश्वास रखती है।

पश्चिम बंगाल में राजनीतिक रूप ले चुके पशु-तस्करी के मामले पर उन्होंने कहा कि इसे रोकने की जिम्मेदारी सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की है, न कि राज्य पुलिस की।

तृणमूल के सांसद ने कहा, ‘‘ बीएसएफ, देश की सीमाओं की रक्षा करती है और वह केन्द्र सरकार के अधीन आती है। सीमा पार पुश-तस्करी को रोकना पुलिस की नहीं उनकी जिम्मेदारी है।’’

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ अलग-अलग जगह भोजन करने के बजाय उन्हें सीमा पर जाकर देखना चाहिए था कि बीएसएफ अपना काम अच्छे से कर रही है या नहीं।’’

शाह पिछले महीने राज्य के दौरे पर आए थे।

यह पूछे जाने पर कि विधानसभा चुनाव में भाजपा की राज्य इकाई के प्रमुख दिलीप घोष क्या भगवा पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे इसपर उन्होंने कहा कि यह भाजपा का आंतरिक मामला है।

उन्होंने कहा, ‘‘ डायमंड हार्बर के सांसद एवं तृणमूल की युवा शाखा के प्रमुख अभिषेक बनर्जी को घोष की तुलना में अधिक राजनीतिक अनुभव है, जो 2015 से ही राजनीति में सक्रिय हुए हैं, लेकिन उन्होंने कभी तृणमूल का मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनने का दावा पेश नहीं किया।’’

भाषा निहारिका दिलीप

दिलीप

 

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