तिरुवनंतपुरम, आठ जून (भाषा) केरल विधानसभा में मंगलवार को विपक्षी यूडीएफ ने वायनाड में हाल में कई सौ साल पुराने शीशम के पेड़ों की बड़े पैमाने पर कटाई एवं तस्करी के मामले में वाममोर्चा सरकार पर अपराधियों को बचाने का आरोप लगाते हुए भारी हंगामा किया और सदन से बहिर्गमन किया।
विपक्ष ने सवाल किया कि महामारी के चलते लगायी गयी कई पाबंदियों के बावजूद कैसे तस्कर बिना अधिकारियों के सहयोग इस उत्तरी जिले से करोड़ों रूपये की इमारती लकड़ियां एर्णाकुलम की चिराई मिल में ले जा सकते हैं।
यूडीएफ यह भी जानना चाहा कि क्या वन मंत्री ए के शीसेंद्रन का इस अपराध के गुनहगारों से कोई संबंध है? इस पूरे मुद्दे पर कार्य स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग करते हुए कांग्रेस के पी टी थॉमस ने आरोप लगाया कि मट्टिल गांव में पेड़ों की अवैध कटाई के सिलसिले में अबतक 40 से अधिक मामले दर्ज किये गये हैं लेकिन किसी की गिरफ्तारी नहीं की गयी है।
उन्होंने आरोप लगाया कि वन विभाग तस्करी की गयी शीशम की लकड़ियां आरोपियों से बरामद करने के लिए अब तक तैयार नहीं है। आरोपियों के उच्च पदस्थ लोगों से संबंध होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने उच्च न्यायालय की निगरानी में इस मामले की जांच की मांग की।
विपक्ष के आरोपों पर वनमंत्री ने कहा कि वन संसाधनों की रक्षा करना सरकार का लक्ष्य है। उन्होंने कहा, ‘‘ सरकार वन संसाधनों की लूट में लगे किसी भी व्यक्ति का कभी बचाव करने या उसकी मदद करने का प्रयास नहीं करेगी। इस मुद्दे पर कठोर कदम उठाये जा रहे हैं।’’
जब सरकार के जवाब के बाद जब विधानसभा अध्यक्ष एम बी राजेश ने कार्य स्थगन प्रस्ताव को अनुमति नहीं दी तो विपक्षी सदस्य यह आरोप लगाते हुए सदन बर्हिगमन गये कि लूट करने वाले लोग प्रशासन के समर्थन से फल-फूल रहे हैं।
भाषा राजकुमार माधव
माधव
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