उल्फा (आई) उग्रवादियों ने ओएनजीसी के अपहृत कर्मचारी को छोड़ा, सरमा ने रिहाई का किया स्वागत | ULFA (I) militants release kidnapped ONGC employee, Sarma welcomes release

उल्फा (आई) उग्रवादियों ने ओएनजीसी के अपहृत कर्मचारी को छोड़ा, सरमा ने रिहाई का किया स्वागत

उल्फा (आई) उग्रवादियों ने ओएनजीसी के अपहृत कर्मचारी को छोड़ा, सरमा ने रिहाई का किया स्वागत

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:17 PM IST, Published Date : May 22, 2021/9:19 am IST

गुवाहाटी, 22 मई (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा की अपील के बाद प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन उल्फा (आई) ने एक महीने पहले अपहृत किए गए ओएनजीसी कर्मचारी रितुल सैकिया को शनिवार को रिहा कर दिया।

असम पुलिस मुख्यालय के एक शीर्ष अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि सैकिया का 21 अप्रैल को अपहरण किया गया था। यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (स्वतंत्र) उग्रवादियों ने उन्हें शनिवार सुबह नगालैंड के मोन जिले में लोंगवा गांव में म्यांमा सीमा के पास छोड़ दिया गया।

असम के नए मुख्यमंत्री सरमा ने ओएनजीसी कर्मचारी की रिहाई का स्वागत किया। वह 18 मई को सैकिया के घर गए थे और उनकी पत्नी तथा माता-पिता को उन्हें वापस लाने के सरकार के प्रयासों को लेकर आश्वासन दिया था।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक रैंक के एक अधिकारी ने बताया कि सैकिया को म्यांमा सीमा क्षेत्र में सुबह करीब सात बजे रिहा किया गया और वह भारतीय राज्य में प्रवेश करने के लिए करीब 40 मिनट तक पैदल चले।

उन्होंने कहा, ‘‘सेना और नगालैंड पुलिस सैकिया को मोन पुलिस थाने लेकर गईं। असम पुलिस की एक टीम भी वहां मौजूद है और उन्हें आज शाम वापस घर लाने के लिए औपचारिकताएं पूरी कर रही हैं।’’

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि रिहा किए गए ओएनजीसी कर्मचारी सैकिया चुस्त और तंदुरुस्त दिख रहे हैं। उन्हें असम के जोरहाट जिले में टीटाबार स्थित उनके घर छोड़ने से पहले उनकी चिकित्सा जांच की जाएगी।

ओएनजीसी कर्मचारी की रिहाई के बाद असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि उन्हें हर किसी के सहयोग से राज्य में शांति एवं विकास का युग कायम होने की उम्मीद है।

सरमा ने ट्वीट किया, ‘‘उल्फा द्वारा अगवा किए गए ओएनजीसी कर्मचारी रितुल सैकिया को आज सुबह रिहा किए जाने का दिल से स्वागत करता हूं। लगातार मार्गदर्शन के लिए माननीय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आभारी हूं। उम्मीद है कि हर किसी के सहयोग से राज्य में शांति एवं विकास का युग कायम होगा।’’

उल्फा (आई) के उग्रवादियों ने 21 अप्रैल को असम-नगालैंड सीमा पर शिवसागर जिले में स्थित लाकवा तेल क्षेत्र से तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी) के तीन कर्मचारियों का अपहरण किया था।

नगालैंड के मोन जिले में भारत-म्यांमा सीमा के पास एक मुठभेड़ के बाद 24 अप्रैल को दो कर्मचारियों-मोहिनी मोहन गोगोई और अलाकेश सैकिया को बचा लिया गया था जबकि रितुल सैकिया की तलाश चल रही थी।

सरमा के 18 मई को सैकिया के घर जाने के कुछ घंटों बाद उल्फा (आई) प्रमुख परेश बरुआ ने अपहृत सैकिया के अपने पास होने की पुष्टि की थी।

उन्होंने 20 मई को एक संवाददाता सम्मेलन में बरुआ से ओएनजीसी कर्मचारी को रिहा करने की अपील की थी और कहा था कि असम सरकार राज्य की प्रगति के लिए तथा निवेश करने के वास्ते तेल कंपनियों पर दबाव बनाएगी।

जब उनका आधिकारिक संवाददाता सम्मेलन चल रहा था तो तभी बरुआ ने स्थानीय टीवी चैनलों को फोन किया था और सात दिनों से भी कम समय में सैकिया को रिहा करने की घोषणा की थी।

फोन पर बरुआ ने सरमा की तारीफ की और कहा कि असम में दशकों बाद ऐसा ‘‘ऊर्जावान’’ मुख्यमंत्री बना है।

वहीं, मुख्यमंत्री ने उल्फा द्वारा घोषित तीन महीने के संघर्षविराम का स्वागत किया और बरुआ से वार्ता की मेज पर आने का अनुरोध किया।

अप्रैल के पहले हफ्ते में उल्फा (आई) ने क्विप्पो ऑयल एंड गैस इन्फ्रास्ट्रक्चर के दो कर्मचारियों को रिहा किया था। उन्हें पिछले साल 21 दिसंबर को अपहृत किया गया था।

भाषा गोला शाहिद

शाहिद

 

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