संयुक्त राष्ट्र ने एड्स खत्म करने के लिए कार्रवाई का आह्वान किया, कोविड-19 से अड़चन आने की बात कही | UN calls for action to eliminate AIDS, calls for covid-19 to be hampered

संयुक्त राष्ट्र ने एड्स खत्म करने के लिए कार्रवाई का आह्वान किया, कोविड-19 से अड़चन आने की बात कही

संयुक्त राष्ट्र ने एड्स खत्म करने के लिए कार्रवाई का आह्वान किया, कोविड-19 से अड़चन आने की बात कही

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:28 PM IST, Published Date : June 9, 2021/8:03 am IST

संयुक्त राष्ट्र, नौ जून (एपी) संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 2030 तक एड्स को खत्म करने के लिए तत्काल कार्रवाई का आह्वान करने वाले प्रस्ताव को मंगलवार को मंजूरी दे दी और चिंता जताते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी से असमानताएं बढ़ गईं हैं तथा एड्स की दवाओं, उपचार तथा निदान तक पहुंच की व्यवस्था और भी चरमरा गई है।

इस 18 पन्नों के प्रस्ताव को महासभा के सभी 193 सदस्य देशों को लागू करना होगा। इसमें 2025 तक एचआईवी के हर वर्ष संक्रमण के नए मामलों को 3,70,000 से कम करने, एड्स के कारण मौत के प्रतिवर्ष सामने आने वाले मामलों को 2,50,000 से कम करने का संकल्प लिया गया है। इसमें एचआईवी से जुड़े कलंक तथा भेदभाव को पूरी तरह से खत्म करने की दिशा में प्रगति का आह्वान किया गया है तथा एचआईवी रोधी टीके और इस रोग से बचाव के लिए तत्काल काम करने की भी बात कही गई है।

महासभा ने आगाह किया कि संसाधनों में बड़े पैमाने पर वृद्धि किए बगैर और संवेदनशील तथा संक्रमित लोगों तक पहुंचे बगैर हम ‘‘2030 तक एड्स महामारी को खत्म नहीं कर पाएंगे।’’ इसमें कहा गया कि एड्स के खिलाफ लड़ाई को कोरोना वायरस महामारी के कारण झटका लगा है।

एड्स पर तीन दिन की उच्चस्तरीय बैठक के आरंभिक सत्र में ही सभा ने इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। रूस, बेलारूस, सीरिया तथा निकारागुआ ने इसके विरोध में मत दिया जबकि 165 राष्ट्रों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। मतदान से पहले, इस प्रस्ताव में रूस द्वारा सुझाए गए तीन संशोधनों को भी अस्वीकार कर दिया गया।

एड्स की रोकथाम के वैश्विक प्रयासों का नेतृत्व कर रही संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी यूएनएड्स की कार्यकारी निदेशक विनी ब्यानीमा ने प्रस्ताव को स्वीकार किए जाने का स्वागत किया और सभा में कहा कि यह इस महामारी को समाप्त करने की दिशा में हमारे कार्यों का आधार बनेगा जिसने 40 साल से समुदायों को त्रस्त कर रखा है।

एड्स को आधुनिक समय की सबसे घातक महामारियों में से एक बताते हुए उन्होंने कहा कि 1981 में एड्स का पहला मामला सामने आने के बाद से अब तक 7.75 करोड़ लोग इससे पीड़ित हो चुके हैं और करीब साढ़े तीन करोड़ लोगों की एड्स से मौत हो चुकी है।

ब्यानीमा ने कहा कि कोविड-19 ने हमें दिखाया कि विज्ञान राजनीतिक इच्छाशक्ति की गति से आगे बढ़ता है। उन्होंने एड्स के उपचार, रोकथाम, देखभाल और टीकों के लिए नवोन्मेषी कार्यों पर व्यय को तेज करने का आह्वान किया।

उन्होंने कहा, ‘‘हम एक देश या एक महाद्वीप में एड्स को समाप्त नहीं कर सकते। हम एड्स को एक साथ मिलकर हर जगह पर समाप्त कर सकते हैं।’’

एपी

मानसी शाहिद

शाहिद

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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