उप्र पुलिस मुख्तार अंसारी को लेकर बांदा जेल पहुंची | UP police reach Banda jail with Mukhtar Ansari

उप्र पुलिस मुख्तार अंसारी को लेकर बांदा जेल पहुंची

उप्र पुलिस मुख्तार अंसारी को लेकर बांदा जेल पहुंची

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:57 PM IST, Published Date : April 7, 2021/3:10 am IST

बांदा (उप्र), सात अप्रैल (भाषा) करीब दो साल पंजाब की जेल में बिताने के बाद बहुजन समाज पार्टी के विधायक और गैंगस्टर मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश पुलिस ने बुधवार तड़के कड़ी सुरक्षा के बीच बुंदेलखंड की बांदा जेल में स्थानांतरित किया।

इस बीच, लखनऊ में एमपी एमएलए (सांसद-विधायक) की विशेष अदालत ने 12 अप्रैल को अभियुक्त मुख्तार अंसारी को साल 2000 में कारापाल और उप कारापाल पर हमला करने, जेल में पथराव तथा जानमाल की धमकी देने के मामले में आरोप तय करने के लिए व्यक्तिगत रूप से तलब किया है।

पंजाब के रूपनगर, रोपड़ जेल से अंसारी को लेकर आ रहे सुरक्षाकर्मियों ने 900 किलोमीटर लंबी यात्रा पूरी की। उच्चतम न्यायालय के एक आदेश पर कार्रवाई करते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस ने मंगलवार को 57 वर्षीय अंसारी को रूपनगर जेल से वापस बांदा जेल में लाने के लिए अपनी हिरासत में ले लिया था। चिकित्सकीय जांच के बाद अंसारी को उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंपने के लिए औपचारिकताएं पूरी करने में कुछ घंटे लगे।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने एंबुलेंस, दंगा रोधी वाहन और भारी सुरक्षा बल के साथ अंसारी को लेकर रोपड़ जेल से बांदा लाने तक करीब 14 घंटे का सफर पूरा किया। बांदा जेल परिसर छावनी में तब्दील हो गया था और पुलिस चारों ओर चौकसी बरत रही थी। अंसारी को लेकर पुलिस अधिकारियों के वाहन ने तड़के साढ़े चार बजे बांदा जेल में प्रवेश किया।

पंजाब से अंसारी को पूरी चौकसी और भारी सुरक्षा के बीच पुलिस की टीम मंगलवार दोपहर करीब दो बजे रोपड़ जेल से लेकर रवाना हुई और उसने शाम करीब छह बजे उत्‍तर प्रदेश की सीमा में प्रवेश किया। प्रयागराज जोन के अपर पुलिस महानिदेशक प्रेम प्रकाश ने बताया कि अंसारी को ला रही पुलिस टीम ने करीब छह बजे उत्‍तर प्रदेश के बागपत में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस वे के जरिये प्रवेश किया।

मऊ जिले की सदर विधानसभा सीट से पांच बार के विधायक अंसारी बांदा जिला जेल की बैरक नंबर 15 में रहेंगे, जहां वह पंजाब की जेल में स्थानांतरित होने से पहले बंद थे। जेल अधिकारियों के अनुरोध पर बांदा जेल में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है और बैरक‍ के अंदर चौबीसों घंटे सुरक्षाकर्मियों का पहरा रहेगा।

पुलिस के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि अंसारी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शहर के होटलों और मकानों के किरायेदारों की भी छानबीन की जा रही है।

बांदा के प्रभारी जेलर प्रमोद तिवारी ने कहा, “मुख्तार अंसारी की जेल में वापसी को लेकर सुरक्षा के इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं। जेल के बाहर और भीतर सुरक्षाकर्मी तैनात कर दिए हैं। जेल की बैरक संख्या-15 में रोशनी, पेयजल व्यवस्था और साफ सफाई पहले की दुरुस्त की जा चुकी है।”

उन्होंने बताया कि बैरक संख्या-15 में अन्य कैदियों की आवाजाही पर रोक लगा दी गयी है और बैरक के अंदर भी तीन सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे।

तिवारी ने बताया कि अब तक खुला रहने वाला जेल परिसर का मुख्य द्वार बंद कर दिया गया है और तलाशी के बाद सिर्फ ड्यूटी पर आने वाले जेलकर्मियों को ही प्रवेश की अनुमति है।

वहीं, बांदा के राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. मुकेश कुमार यादव ने बताया कि अंसारी के स्वास्थ्य को लेकर उच्चतम न्यायालय का आदेश उन्हें मिला है, जिसके बाद चार चिकित्सकों की एक समिति गठित की गई है।

गौरतलब है कि अत्याधुनिक हथियारों से लैस बांदा पुलिस का एक दल पंजाब की रोपड़ जिला जेल में बंद मुख्तार अंसारी को लेने के लिए सोमवार सुबह रवाना हुआ था। इस दल में पीएसी की एक टुकड़ी के अलावा करीब 80 पुलिस जवान और अधिकारी शामिल रहे। इस दल का नेतृत्व प्रयागराज के अपर पुलिस महानिदेशक (एडीजी) प्रेमप्रकाश और चित्रकूटधाम रेंज बांदा के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) के. सत्यनारायण कर रहे थे।

पंजाब के अपर पुलिस महानिदेशक (जेल) प्रवीण कुमार सिन्‍हा ने चंडीगढ़ में ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि अंसारी की हिरासत उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप दी गई है।

दरअसल, मुख्तार अंसारी जबरन वसूली के एक मामले में पंजाब की रोपड़ जेल में बंद थे। अंसारी को लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार और पंजाब सरकार के बीच उच्चतम न्यायालय में मुकदमा चला। उच्चतम न्यायालय ने 26 मार्च को मुख्तार अंसारी को उत्तर प्रदेश भेजने का आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने पंजाब की जेल में बंद अंसारी को दो सप्ताह में उत्तर प्रदेश भेजने का निर्देश दिया। उच्चतम न्यायालय ने अंसारी की हिरासत स्थानांतरण याचिका पर यह फैसला सुनाया था। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार ने पंजाब की कांग्रेस सरकार पर मुख्तार को संरक्षण देने का आरोप लगाया था।

अंसारी जबरन वसूली के मामले में जनवरी 2019 से पंजाब की जेल में बंद रहा। अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) प्रशांत कुमार के मुताबिक अंसारी के खिलाफ उत्तर प्रदेश समेत विभिन्‍न राज्‍यों में 52 मामले दर्ज हैं।

कुमार ने एक बयान में कहा कि उत्तर प्रदेश और अन्‍य राज्‍यों में अंसारी के खिलाफ 52 मामले दर्ज हैं और इनमें 15 में तफ्तीश चल रही है। उन्होंने कहा कि अंसारी पर पूर्वांचल में कई जघन्य आपराधिक घटनाओं को अंजाम देने और कई पुलिसकर्मियों की हत्या करने का भी आरोप है।

उन्होंने कहा कि अंसारी ने प्रदेश के कुख्यात अपराधियों और शूटरों का एक गिरोह बनाया तथा सीमावर्ती राज्य बिहार के शहाबुद्दीन गिरोह से भी संपर्क बनाकर रखा।

कुमार ने कहा, ‘‘वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार ने अंसारी गिरोह के गुर्गों और उसे शरण देने वालों पर आर्थिक कार्रवाई की और अंसारी तथा उसके सहयोगियों की करीब 192 करोड़ की संपत्ति जब्त एवं नष्ट की गई।’’

इस बीच मंगलवार को लखनऊ की एमपी एमएलए (सांसद-विधायक) की विशेष अदालत ने 12 अप्रैल को अभियुक्त मुख्तार अंसारी को साल 2000 में कारापाल और उप कारापाल पर हमला, जेल में पथराव करने तथा जानमाल की धमकी देने के मामले में आरोप तय करने के लिए उसे व्यक्तिगत रूप से तलब किया है।

लखनऊ में कारापाल और उप कारापाल पर हमले के मामले में अंसारी के अलावा युसुफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित तथा लालजी यादव पर आरोप तय होना है। इनमें युसुफ चिश्ती तथा आलम न्यायिक हिरासत में जेल में हैं जबकि कल्लू पंडित और लालजी यादव जमानत पर रिहा हैं। अभियोजन के अनुसार मुख्तार अंसारी की अनुपस्थिति के कारण आरोप तय नहीं हो पा रहे हैं।

विशेष अदालत के न्यायाधीश पी के राय ने पिछली कई तारीखों पर अंसारी को अदालत पेश कराने के संदर्भ में उत्तर प्रदेश पुलिस के आला अधिकारियों और पंजाब की रूपनगर जेल के वरिष्ठ अधीक्षक को भी निर्देश दिया था।

भाषा सं आनन्द गोला

गोला

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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