उत्‍तर प्रदेश: विपक्ष ने बजट को किसान विरोधी, चुनावी स्‍टंट बताया | Uttar Pradesh: Opposition termed budget as anti-farmer, election stimen

उत्‍तर प्रदेश: विपक्ष ने बजट को किसान विरोधी, चुनावी स्‍टंट बताया

उत्‍तर प्रदेश: विपक्ष ने बजट को किसान विरोधी, चुनावी स्‍टंट बताया

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:56 PM IST, Published Date : February 22, 2021/10:34 am IST

लखनऊ, 22 फरवरी (भाषा) उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस ने सोमवार को उत्तर प्रदेश विधान मंडल में प्रस्तुत 2021-22 के बजट को किसानों, युवाओं, महिलाओं और बेरोजगारों समेत आम जनता के लिए ‘निराशाजनक’ और ‘चुनावी स्‍टंट’ बताया है।

विधान सभा में समाजवादी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने बजट की आलोचना करते हुए विधान भवन के तिलक हाल में पत्रकारों से कहा ”यह बजट झूठ का पुलिंदा है और यह चुनावी बजट है।”

चौधरी ने कहा कि ” उत्‍तर प्रदेश सरकार का बजट सिर्फ पेपरलेस ही नहीं है, बल्कि यह ‘रोजगारलेस’ और ‘किसानों की आमदनीलेस’ बजट है। सरकार ने यह बजट समग्र विकास को समर्पित किया है लेकिन समग्र विकास का कोई अर्थ नहीं बताया है।”

पेपरलेस बजट पर आपत्ति करते हुए चौधरी ने आरोप लगाया कि विधायकों को बजट की कॉपी न देकर ‘टैबलेट’ में बजट उपलब्‍ध कराने की बात कही गई थी लेकिन टैबलेट में 20-25 मिनट बाद बजट लोड हुआ। उन्‍होंने कहा कि अगर पेपरलेस बजट पेश किया तो सरकार को राज्‍यपाल का अभिभाषण भी पेपरलेस कराना चाहिए था।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह बजट निराशाजनक है और इसमें महिलाओं की सुरक्षा, किसानों की आय दोगुनी करने और गन्‍ना किसानों का बकाया भुगतान करने के बारे में कोई जानकारी नहीं है। उन्‍होंने कहा कि ” यह ढोंगी सरकार का ढोंगी बजट है और जनता का अपमान करने वाला है, इससे जनता का कोई हित होने वाला नहीं ह‍ै।”

उन्‍होंने कहा कि बजट में किसानों का बिजली बिल कम करने, डीजल, पेट्रोल और रसोई गैस की महंगाई कम करने की कोई घोषणा नहीं की गई है। उन्‍होंने विधान मंडल सत्र की कवरेज के लिए मंडप में मीडिया को प्रवेश न देने पर भी आक्रोश जाहिर किया।

बहुजन समाज पार्टी दल के नेता लालजी वर्मा ने पत्रकारों से कहा कि ”किसान आंदोलन के कारण किसानों को बड़ी उम्‍मीद थी कि बजट में उनके लिए सरकार कुछ खास घोषणा करेगी लेकिन यह बजट किसानों और जनता के लिए निराशाजनक है और यह जनता के साथ धोखा है।”

वर्मा ने कहा कि बजट में 37 हजार करोड़ का घाटा दिखाया गया है और यह प्रदेश की अर्थव्‍यवस्‍था को फेल करने की ओर अग्रसर हो रहा है। उन्‍होंने कहा कि बजट में आमदनी के स्रोत का कोई उल्‍लेख नहीं है कि कैसे घाटा पूरा किया जाएगा।

बसपा नेता ने कहा कि यह बजट चुनाव की दृष्टि से जनता को गुमराह करने का प्रयास है। महँगाई से परेशान किसानों के लिए कोई व्‍यवस्‍था नहीं की गई है। इस बजट में किसानों और नौजवानों के लिए कोई व्‍यवस्‍था नहीं की गई है। वर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार हर साल बजट का आकार बढ़ाती है लेकिन खर्च कम करती है।

कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना मिश्रा ने बजट को ‘लहीम-सहीम’ बताते हुए कहा कि ”पेपरलेस बजट पर सरकार पीठ थपथपा रही है लेकिन यह सत्‍यहीन बजट है।।”

उन्‍होंने कहा कि ”पेपरलेस बजट होने की वजह से हम इसका अवलोकन नहीं कर पाये हैं लेकिन वित्‍त मंत्री के भाषण के आधार पर मेरा कहना है कि इसमें किसानों और कृषि के लिए कोई योजना नहीं है।” आराधना ने कहा कि इस सरकार ने किसानों की समस्‍या पर एक शब्‍द भी नहीं कहा है। इस बजट में सरकार ने नौजवानों को लेकर कोई नई रूपरेखा नहीं बताई है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि ”यह सरकार महिलाओं की सशक्तिकरण की बात करती है लेकिन किसान, नौजवान और बहन-बेटियों को लेकर सरकार ने बजट में कोई बात नहीं की है।”

उन्‍होंने कहा कि यह ”सरकार किसानों के लिए बजट में कोई प्रावधान कर सकती थी लेकिन अगर नहीं किया तो यह सरकार की संवेदनहीनता है।”

भाषा आनन्‍द सलीम जफर अर्पणा महाबीर

महाबीर

 

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