उत्तर प्रदेश : बर्ड फ्लू के मद्देनजर सतर्कता बढ़ी | Uttar Pradesh: Vigilance increased in wake of bird flu

उत्तर प्रदेश : बर्ड फ्लू के मद्देनजर सतर्कता बढ़ी

उत्तर प्रदेश : बर्ड फ्लू के मद्देनजर सतर्कता बढ़ी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:57 PM IST, Published Date : January 11, 2021/1:28 pm IST

लखनऊ, 11 जनवरी (भाषा) उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर और बलिया जिलों में विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की ताजा घटनाएं सामने आई हैं। राज्य में इस फ्लू की रोकथाम के लिए सतर्कता बढ़ा दी गई है।

कानपुर चिड़ियाघर में मरे कुछ पक्षियों में बर्ड फ्लू पाए जाने के बाद लखनऊ प्राणी उद्यान प्रशासन ने अपने यहां पक्षियों के बाड़े को दर्शकों के लिए बंद कर दिया है और पक्षियों के आदान-प्रदान कार्यक्रम को भी अस्थाई तौर पर निलंबित कर दिया है।

प्रदेश के शाहजहांपुर और बलिया जिलों में पक्षियों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की ताजा घटनाएं सामने आई हैं। उधर, बर्ड फ्लू के मद्देनजर बरेली में भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्था (आईवीआरआई) में सोमवार से पक्षियों के नमूनों की जांच युद्ध स्तर पर शुरू कर दी गई है।

लखनऊ स्थित नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान के निदेशक आरके सिंह ने बताया कि लखनऊ चिड़ियाघर में पक्षियों का बाड़ा रविवार से दर्शकों के लिए बंद कर दिया गया, साथ ही पक्षियों के आदान-प्रदान का नियमित रूप से किया जाने वाला कार्यक्रम भी अस्थाई तौर पर रोक दिया गया है।

उन्होंने बताया कि चिड़ियाघर में रखे गए पक्षियों के भोजन में विटामिन के तत्व बढ़ा दिए गए हैं और उन्हें खिलाया जाने वाला चिकन और अंडे का आहार भी देना बंद कर दिया गया है चिड़ियाघर में काम करने वाले सभी कर्मचारियों से कहा गया है कि वे किसी भी पक्षी में असामान्य स्थिति पाए जाने पर फौरन इसकी सूचना दें। ऐसे पक्षियों को फौरन आइसोलेशन वार्ड में रखा जाएगा।

उधर, शाहजहांपुर जिले के कलान कस्बे में तीन बत्तखों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। पशुपालन विभाग के अपर निदेशक डॉक्टर जीवन दत्त ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में आज आया है। तालाब में रहने वाली अन्य बत्तखों के सैंपलिंग कराई जा रही है बरेली स्थित आईवीआरआई में जांच के बाद ही पता चल सकेगा कि बत्तखों की मौत कैसे हुई।

इस बीच में बलिया से मिली खबर के मुताबिक सहतवार थाना क्षेत्र में रविवार रात पांच कौवे संदिग्ध परिस्थितियों में मरे पाए गए। जिला मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अशोक मिश्र ने बताया कि सहतवार थाना क्षेत्र में कल रात पाँच कौवे मृत मिले हैं। वन विभाग ने सभी को अपने कब्जे में ले लिया है। उनके नमूने परीक्षण के लिए भोपाल भेजे जा रहे हैं।

उधर, बरेली से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक आईवीआरआई में पक्षियों के सैंपल की जांच सोमवार से युद्ध स्तर पर शुरू कर दी गयी है। एक दिन में लगभग 1200 नमूनों की जाँच का अनुमान है।

आईवीआरआई के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉक्टर वी. के. गुप्ता ने बताया कि संस्थान पूरे साल बर्ड फ्लू की जांच करता है लेकिन अब संक्रमण का खतरा बढ़ने के बाद उत्तर प्रदेश के साथ-साथ उत्तराखंड के विभिन्न इलाकों से लगातार पक्षियों के नमूने जांच के लिए आ रहे हैं। अभी तक की जाँच में संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है।

बरेली में ही स्थित केंद्रीय पक्षी अनुसंधान संस्थान (सीएआरआई) के निदेशक डॉक्टर संजीव कुमार ने बताया कि कानपुर में बर्ड फ्लू का मामला सामने आने से सीएआरआई प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। पक्षियों की आवाजाही के लिहाज से कानपुर काफी नजदीक है, इसलिए सीएआरआई में अभेद्य जैविक सुरक्षा का कवच तैयार किया गया है।

बरेली के मुख्य वन संरक्षक ललित वर्मा ने बताया कि ऐसे जलाशयों में निगरानी तेज कर दी गई है जहां प्रवासी पक्षी बहुतायत में आते हैं। जलाशयों के पास मरे पक्षियों की जांच कराने और लोगों को उनसे दूर रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

पीलीभीत के उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी राजीव मिश्रा ने बताया कि मुर्गे-मुर्गियों के मरने की सूचना मिली थी। उनकी मौत प्रथम दृष्टया जहर खाने से होने का संकेत मिला है। जो मुर्गे-मुर्गियां मरी हैं वह बाड़े के बाहर थीं। जांच के लिए दो मरी मुर्गियां जांच के लिए भेजी गयी हैं।

भाषा सं सलीम जफर अर्पणा

अर्पणा

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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