कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित कराने के लिए बुलाया जाएगा पश्चिम बंगाल विधानसभा का सत्र: ममता | West Bengal Assembly session to be convened to pass resolution against agricultural laws: Mamata

कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित कराने के लिए बुलाया जाएगा पश्चिम बंगाल विधानसभा का सत्र: ममता

कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित कराने के लिए बुलाया जाएगा पश्चिम बंगाल विधानसभा का सत्र: ममता

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:07 PM IST, Published Date : January 4, 2021/7:10 pm IST

कोलकाता, चार जनवरी (भाषा) नये कृषि कानूनों के खिलाफ अपनी मुहिम जारी रखते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को कहा कि इन विवादास्पद कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करने के वास्ते विधानसभा का सत्र आहूत करने के लिए आवश्यक कदम उठाये जाएंगे।

विधानसभा चुनाव के करीब आने के बीच बनर्जी ने संकेत दिया कि वह प्रधानमंत्री किसान योजना को पश्चिम बंगाल में लागू करने को लेकर तैयार हैं । उन्होंने कहा कि उन्होंने केंद्र से उन किसानों का ब्योरा मांगा है, जिन्होंने इस कार्यक्रम के लिए केंद्र सरकार के पोर्टल पर अपना पंजीकरण किया है।

उन्होंने इस बात पर बल दिया कि वह तीनों कृषि कानूनों को कभी लागू नहीं होने देंगी जिन्होंने देशभर में किसानों को प्रदर्शन के लिए मजबूर कर दिया है।

उन्होंने कहा, ‘‘ हम उन कृषि कानूनों के विरूद्ध हैं। हम शीघ्र ही एक या दो दिन के लिए विधानसभा का सत्र बुलायेंगे और इन कृषि विरोधी कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित करेंगे।’’

बंगाल यदि ऐसा करता है तो वह केरल, दिल्ली, पंजाब, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के बाद ऐसा कदम उठाने वाला देश में छठा राज्य होगा।

बनर्जी की टिप्पणी ऐसे समय में आयी है जब प्रदर्शनकारी किसान संगठनों एवं सरकार के बीच सातवें दौर की बातचीत ोनतीजा रही।

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री किसान योजना का जिक्र करते हुए कहा, ” मैंने कई बार केंद्र सरकार से अनुरोध किया था कि प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत आवंटित राशि राज्य सरकार को स्थानांतरित की जाए। हाल ही में उन्होंने (केंद्र सरकार के अधिकारियों) दावा किया था कि योजना का लाभ लेने के लिए बंगाल के करीब 21.7 लाख किसानों ने पोर्टल पर अपना पंजीकरण किया है।”

मुख्यमंत्री ने कहा, ” उन्होंने (केंद्र ने) इस डेटा के सत्यापन की मांग की है। मुझे लगता है कि केंद्र इस मामले को राजनीतिक रंग देने का प्रयास कर रहा था। हालांकि, हमें महसूस हुआ कि इसके चलते किसानों को परेशानी नहीं उठानी चाहिए… मैंने केंद्र से किसानों का विवरण साझा करने को कहा है ताकि हम सत्यापन की प्रक्रिया शुरू कर सकें।”

भाषा राजकुमार देवेंद्र शफीक

 

(इस खबर को IBC24 टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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