विवाहेत्तर संबंध पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला- पत्नी का मालिक नहीं है पति, विवाहेत्तर संबंध अपराध नहीं  | Adultery Law:

विवाहेत्तर संबंध पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला- पत्नी का मालिक नहीं है पति, विवाहेत्तर संबंध अपराध नहीं 

विवाहेत्तर संबंध पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला- पत्नी का मालिक नहीं है पति, विवाहेत्तर संबंध अपराध नहीं 

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:44 PM IST, Published Date : September 27, 2018/6:10 am IST

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने विवाहेत्तर संबंध पर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने धारा 497 को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि पति, पत्नी का मालिक नहीं है, महिला से गैरसमानता का बर्ताव असंवैंधानिक है। सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ ने 9 अगस्त को व्यभिचार की धारा IPC 497 पर फैसला सुरक्षित रखा था। 158 साल पुरानी भारतीय दंड संहिता की धारा 497 में विवाहेतर संबंधों को अपराध माना गया है। इसमें विवाहेतर संबंध रखने वाले पुरुष को आरोपित कहा गया है।

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इसके मुताबिक, किसी व्यक्ति के सहमति के बिना उसकी पत्नी से संबंध रखना दुष्कर्म नहीं होगा, बल्कि इसे व्यभिचार माना जाएगा। इस पर सुनवाई के दौरान अदालत ने कहा था कि प्रथम दृष्टया यह कानून लैंगिक समानता की अवधारणा के खिलाफ है। ऐसे मामले में केवल पुरुष को ही दोषी क्यों माना जाए? केंद्र सरकार ने यह कहते हुए कानून का समर्थन किया है कि विवाह संस्था की पवित्रता बनाए रखने के लिए यह कानून आवश्यक है।

 

 

 

वेब डेस्क, IBC24