15 सालों के निरंतर शासन के बाद भी छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार सवालों के घेरे में -जोगी | After 15 years of continuous rule, the BJP government in Chhattisgarh will be in the bounds of quest

15 सालों के निरंतर शासन के बाद भी छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार सवालों के घेरे में -जोगी

15 सालों के निरंतर शासन के बाद भी छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार सवालों के घेरे में -जोगी

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:53 PM IST, Published Date : February 20, 2018/2:10 pm IST

छत्तीसगढ़ राज्य में शिक्षा प्रणाली और शासकीय मेडिकल कॉलेजों की कमियों को गिनाते हुए जनता काँग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रवक्ता व मीडिया समन्वयक संजीव अग्रवाल ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि प्रदेश में जितने भी सरकारी और प्राइवेट मेडिकल कॉलेज हैं उनकी हालत खस्ता है। 

छत्तीसगढ़ प्रदेश के राजनांदगांव जिले के शासकीय मेडिकल कॉलेज के 5 वीं बैच(100 सीट) में वर्ष 2018 – 2019 के MBBS कोर्स के ऐडमिशन की परमीशन के रिन्यूअल बाबत, जो कि छत्तीसगढ़ आयुष ऐंड हेल्थ केयर साइंसेज युनिवर्सिटी, रायपुर की प्रक्रिया के लिए IMC ऐक्ट 1956 के अंतर्गत सेक्शन 10 ए के तहत केंद्र सरकार द्वारा गठित मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की एक्जीक्यूटिव कमेटी ने अपनी 21 और 22 अगस्त 2017 की रिपोर्ट में उसने उपरोक्त विषय पर परमीशन देने से मना कर दिया है, जो कि छत्तीसगढ़ के लिए बड़े ही दुर्भाग्य का विषय है। रिपोर्ट के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं – 

 

निरिक्षण के दौरान पाई गई कमियां:

 

1. 97 शिक्षकों की आवश्यकता लेकिन 15 कमी (12.26 % की कमी)

 

2. जूनियर डॉक्टरों में 59 की जरुरत लेकिन उनमें 4 की कमी (11.29 % की कमी) 

 

3. OPD में डेमो कक्ष और एग्जामिनेशन कक्ष की कमी। एग्जामिनेशन कक्ष और डेमो कक्ष दोनों में ही मरीज़ को देखने के लिए बिस्तर नहीं। बिना बिस्तर के कक्ष में कैसे मरीज़ों को डॉक्टरों द्वारा देखा जाएगा। 

 

4. आपात कक्ष में सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन और सक्शन (वैक्यूम) उपलब्ध नहीं। 

 

5. ऑपरेशन थिएटर में भी सेंट्रलाइज्ड ऑक्सीजन और सक्शन (वैक्यूम) उपलब्ध नहीं। 

 

6. अस्पताल में लेक्चर कक्ष का निर्माण चल रहा है। 

 

7. वार्ड में पैंट्री कक्ष को स्टोर रूम की भाँती कार्य में लिया जा रहा है। पैंट्री में न ही वाश बेसिन है और न ही पानी का स्त्रोत।  

 

जोगी खेमे से  कहा गया है कि ऐसी ही तमाम तरह की कमियां पाई गई हैं जिसके कारण राजनांदगांव के शासकीय मेडिकल कॉलेज के 5 वीं बैच(100 सीट) में वर्ष 2018 – 2019 के MBBS कोर्स के ऐडमिशन की परमीशन के रिन्यूअल की परमीशन नहीं मिल पाई। आखिर इसका जिम्मेदार कौन है। ऐसे में हमारे प्रदेश के युवाओं का भविष्य कहाँ सुरक्षित है? सरकारी नियमों के अनुसार प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों में 15 % सीटों की संख्या बाहर के प्रदेशों के विद्यार्थियों के लिए होती है, ऐसे में बाहरी विद्यार्थियों के समक्ष हमारे प्रदेश की क्या इज्ज़त रह जाएगी? 

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संजीव अग्रवाल ने कहा कि ऐसी कई अव्यवस्थाओं से न केवल छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में है बल्कि प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेजों में भी है। चिंता की बात है जब जब चिकित्सकों को उचित शिक्षा नहीं मिलेगी तो वे जनता का क्या इलाज करेंगे। संजीव अग्रवाल ने सरकार से इस मामले में को संज्ञान में लेकर त्वरित कार्रवाई की मांग की है क्योंकि “पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया”

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