अघरिया समाज ने किया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का अभिनंदन, सीएम ने कहा 'गौठान' से गांव में बढेंगे रोजगार और आय के अवसर | Agharia Samaj greeted Chief Minister Bhupesh Baghel

अघरिया समाज ने किया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का अभिनंदन, सीएम ने कहा ‘गौठान’ से गांव में बढेंगे रोजगार और आय के अवसर

अघरिया समाज ने किया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का अभिनंदन, सीएम ने कहा 'गौठान' से गांव में बढेंगे रोजगार और आय के अवसर

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:51 PM IST, Published Date : July 15, 2020/5:17 pm IST

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार लाने के लिए राज्य सरकार द्वारा सुराजी गांव योजना के तहत नरूवा, गरूवा, घुरवा, बाड़ी को नया जीवन दिया जा रहा है। इसके तहत गांव-गांव में गौठानों का निर्माण किया जा रहा है। इन गौठानों से गांव-गांव में रोजगार और अतिरिक्त आय के अवसर बढ़ेंगे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में अखिल भारतीय अघरिया समाज के प्रतिनिधि मण्डल से मुलाकात के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए उक्त आशय के विचार व्यक्त किए।

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प्रतिनिधिमण्डल का नेतृत्व विधायक रायगढ़ प्रकाश नायक ने किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर प्रतिनिधिमण्डल की मांग पर जिला मुख्यालय रायगढ़ के कोतरा रोड स्थित अघरिया भवन के विस्तार के लिए भू-खण्ड प्रदान करने और महासमुंद जिले के अंतर्गत ग्राम पैंता में अघरिया धाम को विकसित करने में हर संभव सहयोग के लिए आश्वस्त किया। गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ के संकल्प के साथ छत्तीसगढ़ी अस्मिता तथा संस्कृति को शीर्ष पर रखकर अपने कुशल नेतृत्व से प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए मुख्यमंत्री का अखिल भारतीय अघरिया समाज द्वारा मुलाकात के दौरान अभिनंदन भी किया गया।

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सीएम बघेल ने इस अवसर पर आगे कहा कि राज्य सरकार हरेली त्यौहार के दिन से ’गोधन न्याय योजना’ भी शुरू करने जा रही है। इस योजना में पशुपालकों से दो रूपए प्रति किलोग्राम की दर पर गोबर खरीदकर गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया जाएगी। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां गोबर की खरीदी की जाएगी। साथ ही इस योजना से राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा और पर्यावरण में भी सुधार होगा। इससे पशुओं की खुले पर चराई में रोक लगेगी और किसान बरसात के बाद अन्य फसल का उत्पादन भी आसानी से ले सकेंगे। गोधन न्याय योजना का लाभ ऐसे मजदूर परिवारों को भी मिलेगा, जिनके पास खेती की जमीन नहीं है, लेकिन उसके पास पशुधन अथवा मवेशियां है। छोटे से छोटे पशुपालक को भी इस योजना से हर माह 2 से 3 हजार रूपए की आमदनी मिल सकती है।