नई दिल्ली। अगस्ता वेस्टलैंड वीवीआईपी हेलीकॉप्टर घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बिचौलिये क्रिश्चियन मिशेल के खिलाफ गुरुवार को दिल्ली की एक अदालत में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर की है। अगस्तावेस्टलैंड घोटाला मामले में दो कंपनियों-ग्लोबल सर्विसेज एफ जैड ई और ग्लोबल ट्रेडर्स और उनके डायरेक्टर में से एक डेविड सिम्स के खिलाफ भी आरोपपत्र दायर किया है।
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सिम्स और मिशेल दोनों ही दो कंपनियों के निदेशक हैं। विशेष न्यायाधीश अरविन्द कुमार ने कहा कि वह 6 अप्रैल को एजेंसी के चार्जशीट पर सुनवाई करेंगे।
संक्षिप्त में जानिए क्या है मामला
UPA सरकार के दौरान वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने फरवरी 2010 में कैबिनेट कमिटी के उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी, जिसमें 12 हेलिकॉप्टर खरीदने का प्रस्ताव दिया गया था. इसका ठेका तब 556 मिलियन यूरो यानी करीब 3,546 करोड़ रुपए में अगस्ता वेस्टलैंड को दिया गया। इस कंपनी का हेडक्वॉर्टर ब्रिटेन में है, जबकि इसकी पैरंट कंपनी फिनमैकेनिका का हेडक्वॉर्टर इटली में है।
इस डील को लेकर पहली बार इटली की जांच एजेंसियों ने फरवरी 2012 में दलाली की बात कही थी। इटली की एजेंसियों के मुताबिक फिनमैकेनिका ने यह ठेका हासिल करने के लिए भारत के कुछ नेताओं और वायुसेना के कुछ अधिकारियों को 360 करोड़ रुपए की रिश्वत दी थी। इटली की एजेंसियों ने इस डील में तीन दलालों- क्रिश्चियन मिशेल, गुइदो हाश्के और कार्लो गेरोसा के शामिल होने की बात कही है।
मार्च 2013 में भारत में इस डील की जांच CBI को सौंप दी गई। CBI ने पूर्व वायुसेना प्रमुख एसपी त्यागी, उनके तीन भाइयों, ओरसी और स्पैग्नोलिनी समेत नौ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया ।
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