शून्य से माइनस 50 डिग्री तक तैनाती के लिए वायुसेना की तैयारी.. लद्दाख में तैनात होंगे ये विध्वंसक विमान | Air Force prepares for deployment from zero to minus 50 degree

शून्य से माइनस 50 डिग्री तक तैनाती के लिए वायुसेना की तैयारी.. लद्दाख में तैनात होंगे ये विध्वंसक विमान

शून्य से माइनस 50 डिग्री तक तैनाती के लिए वायुसेना की तैयारी.. लद्दाख में तैनात होंगे ये विध्वंसक विमान

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:04 PM IST, Published Date : July 23, 2020/4:01 am IST

नई दिल्ली। चीन से विवाद बढ़ने के बाद भारत हर मोर्च पर ड्रैगन को घेरने की तैयारियों में जुटा है। भारतीय वायुसेना ने खुद को लद्दाख के मोर्चे पर लंबे समय तक तैनाती के लिए तैयार करना शुरू कर दिया है। वायुसेना के सामने लद्दाख की सर्दियों के लिए बहुत बड़े पैमाने पर रसद पहुंचाने की चुनौती के साथ-साथ अपने फाइटर जेट्स और हेलीकॉप्टर्स को तैनात रखने के लिए भी तैयारी करनी होगी।

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ड्रैगन की चाल को देखते हुए सीमा विवाद जल्द सुलझने की संभावना नहीं है इसलिए ये तैनाती सर्दियों तक खिंच सकती है। सर्दियों में इन सैनिकों को तैनात रख पाना बहुत मुश्किल होगा जब तापमान शून्य से 50 डिग्री तक नीचे गिर जाता है। वायुसेना ने मई में चीन के साथ झड़प शुरू होने के साथ ही बड़े पैमाने पर कार्रवाई करते हुए टैंकों, बख्तरबंद गाड़ियों, गोला-बारूद और सैनिकों को लद्दाख पहुंचाया था।

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इंडियन एयरफोर्स ने लद्दाख में अपने फाइटर जेट्स, लड़ाकू और परिवहन हेलीकॉप्टर्स को भी तैनात किया है। लद्दाख में लेह के अलावा थोइस एक बड़ा एयरबेस है। इसके अलावा दौलतबेग ओल्डी, फुक्चे, चुशूल में एडवांस लैंडिंग ग्राउंड हैं। अगर वायुसेना को सर्दियों में भी यहां अपने लड़ाकू हेलीकॉप्टर तैनात करने होंगे तो बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर का इंतजाम करना पड़ेगा। इसमें मशीन के साथ-साथ तैनात होने वाले वायुसैनिकों के लिए जरूरी सुविधाएं जुटानी पड़ेंगी।

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इस साल लाइन ऑफ कंट्रोल पर चीन की तरफ से बड़ी तादाद में सेना तैनात करने के कारण भारतीय सेना ने भी अपनी तैनाती चार से पांच गुना बढ़ाई है। इतनी बड़ी तादाद में सैनिकों के लिए सर्दियों के जरूरी इंतजाम करने के लिए वायुसेना अपने परिवहन एयरक्राफ्ट की पूरी ताकत लगाने की तैयारी कर रही है।

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हर साल लद्दाख में तैनात सैनिकों के लिए मई से लेकर सितंबर तक रसद, केरोसिन सहित दूसरी जरूरी चीजें सड़क और एयरक्राफ्ट के जरिए पहुंचाई जाती हैं। लेह स्थित 14 वीं कोर में कुल दो डिवीजन हैं जिनमें से एक पूर्वी लद्दाख की सुरक्षा में तैनात रहती है। लेकिन इस बार केवल पूर्वी लद्दाख में ही अब तक चार गुना सैनिक तैनात किए जा चुके हैं।