नई दिल्ली। पुलवामा हमले के बाद हाई लेवल मीटिंग के बाद पीएम मोदी ने घोषणा की थी की आंतकियों आप बहुत बड़ी गलती कर चुके हैं और अब आपको इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी। इसका असर देखने को मिलने लगा है। भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान सीमा के बेहद नजदीक अपनी मारक क्षमता दिखाते हुए शनिवार को बड़ा अभ्यास किया । इसमें जेट विमानों और हेलीकॉप्टरों ने हिस्सा लिया।
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बहुत कम समय की तैयारी में वायुसेना ने दिखाया है कि वो कुछ भी करने में सक्षम है। बीते दो दिन पहले घाटी के पुलवामा में पाकिस्तान की धरती पर पल रहे आतंकी समूह जैश ए मोहम्मद के आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गये थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि सुरक्षाबलों को इस हमले का बदला लेने के लिए पूरी छूट दी गयी है। वायुशक्ति अभ्यास के दौरान वायुसेना ने हल्के लड़ाकू विमान तेजस, उन्नत हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर जैसे देशी जंगी वायुयानों की मारक क्षमता एवं सतह से हवा में मार करने वाली आकाश एवं हवा से हवा में मार करने वाली अस्त्र मिसाइल की का प्रदर्शन किया।
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लड़ाकू जेट और हेलीकॉप्टरों ने दिन और रात के दौरान अपने लक्ष्यों को भेदा। ऐसा पहली बार है कि उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर और आकाश को सैन्य अभ्यास में लगाया गया। वायुसेना ने अभ्यास के दौरान हवा से जमीन की भूमिका में उन्नत मिग 29 लड़ाकू जेट को भी तैनात किया। सुखोई 30, मिराज 2000, जगुआर, मिग 21 बिसन, मिग 27, मिग 29, आईएल 78, हरकुलस, एएन 32 विमानों समेत 137 विमानों ने इस अभ्यास में हिस्सा लिया। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत, विभिन्न देशों के रक्षा विशेषज्ञों और रक्षा मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों ने भी इस अभ्यास का अवलोकन किया। इस मौके पर वायुसेना के मानद ग्रुप कप्तान सचिन तेंदुलकर भी मौजूद थे।