रायपुर– प्रदेश में भू-राजस्व संहिता विधेयक पर तकरार बढ़ते जा रही है. मंगलवार को अधिकारियों के साथ सर्किट हाउस में होने वाली बैठक का आदिवासी समाज ने बहिष्कार कर दिया है. बैठक का बहिष्कार करने के बाद सर्व आदिवासी समाज ने साफ शब्दो में कहा कि इस मामले जब मुख्यमंत्री चर्चा करेंगे तभी समाज बात करेगा. यहाँ बताना जरुरी है कि 9 जनवरी को सर्व आदिवासी समाज के साथ आपेक्षित राजस्व सचिव की बैठा पूर्व निर्धारित थी जिस पर सर्व समाज ने आपातकालिक बैठक ले कर बहिष्कार करने का निर्णय लिया है उनका अब कहना है कि सरकार या मुख्यमंत्री जो 10 मांगों पर निर्णय कर सके उन्ही के साथ ही सर्व समाज चर्चा करेंगे।इस आपातकालिक बैठक में अध्यक्ष बी पी एस नेताम, सोहन पोटाई संरक्षक,एन एस मंडावी महासचीव, बी एस रावते, फूल सिंह नेताम, विनोद नागवंशी युवा अध्यक्ष, जीवन ठाकुर, विजय ठाकुर, लक्ष्मीकांत गावड़े, बी के मनीष विधिक सलाहकार उपस्थित थे।
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आपको बता दें कि सरकार ने विधानसभा में भू-राजस्व संहिता कानून पर संशोधन विधेयक पेश किया है. इस विधेयक के अनुसार अब सरकार आदिवासियों की जमीनें सीधे आदिवासी से खरीद सकती है.इस विधेयक के आने के बाद सदन से लेकर सड़क तक इसका विरोध शुरु हो गया है. सरकार की मुश्किलें तब बढ़ गईं जब कांग्रेस के साथ ही भाजपा के भी आदिवासी विधायक और मंत्री भी इस विधेयक के खिलाफ हैं. सर्व आदिवासी समाज ने इस मामले में फरवरी में एक बड़े आंदोलन का ऐलान किया है.
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