कोरिया। छत्तीसगढ़ के मनेंद्रगढ़ में पिछले डेढ़ सालों से एक एंबुलेंस मरीजों को छोड़ छात्रों को स्कूल छोड़ने का काम कर रहा है। निजी स्कूल के छात्र एंबुलेंस से ही स्कूल आते-जाते हैं।
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और ये आदेश वहां के सीएमओ (चीफ मेडिकल ऑफिसर) के आदेश पर हो रहा है। एंबुलेंस के ड्राइवर ने बताया कि वो सीएमओ के कहने पर पिछले डेढ़ सालों से बच्चों को स्कूल लाता और ले जाता है।
Chhattisgarh: An ambulance was seen carrying children to school in Koriya’s Manendragarh. Driver says ‘CMO(Chief Medical Officer)asked me to carry them as there’s no bus. It has been happening since last 1.5 yrs. The school got a bus 5 months back but they haven’t used it'(03.08) pic.twitter.com/IeZOTHi5RP
— ANI (@ANI) August 4, 2018
स्कूल ने हाल ही में बस खरीदा है लेकिन स्कूल बस का इस्तेमाल छात्रों को स्कूल छोड़ने के लिए नहीं किया जाता। एंबुलेंस से ही छात्रों को लाया लेजाया जा रहा है।एंबुलेंस की देरी और सही समय में नहीं पहुंचने की शिकायतें अक्सर आती रहती है।
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इमरजेंसी सेवाओं में उपयोग होने वाले एंबुलेंस का इस तरह उपयोग करना वाकई चिंताजनक है। एंबुलेंस के अभाव या तय समय में नहीं पहुंचने पर कई मरीजों की मौत हो जाती है। एंबुलेंस के अभाव में लोगों को शव कंधे में रखकर ले जाना पड़ा है। ऐसे में एंबुलेंस का इस तरह इस्तेमाल करना जिम्मेदारों के कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े करता है।
वेब डेस्क, IBC24