नई दिल्ली: राज्यसभा में बुधवार को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय का मुद्दा गूंजा। बीजू जनता दल के सांसद ने सदन को संबोधित करते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय 15 हजार रुपए और आशा कार्यकर्ताओं का मानदेय 10,000 रुपए किए जाने की मांग की है।
बीजेडी सांसद सुभाष चंद्र सिंह ने शुन्यकाल के दौरान सदन को संबोधित करते हुए कहा कि कोरोना वायरस महामारी के दौरान लगातार सुरक्षित दूरी बनाने, हाथ धोते रहने और मास्क पहनने का परामर्श दिया जा रहा है। इस दौरान आंगनवाड़ी और आशा कर्मियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना लगातार काम किया है। यह विडंबना ही है कि संकट के समय में भी अथक परिश्रम करने वाली आंगनबाड़ी कर्मियों को मात्र 4,500 रुपए और आशा कर्मियों को केवल 2,500 रुपए का मानदेय मिलता है जो महंगाई और उनकी सेवाओं को देखते हुए बहुत ही कम है।
उन्होंने अपने संबोधन के दौरान ओडिशा की बीजेडी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि नवीन पटनायक की सरकार ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा कार्यकर्ताओं के मानदेय में बढ़ोतरी की है, लेकिन यह उनके लिए काफी नहीं है। उन्होंने आगे कहा कि इन कार्यकर्ताओं को मानदेय के तौर पर 15 हजार और 10 हजार रुपए का भुगतान किया जाना चाहिए। केंद्र सरकार को आंगनवाड़ी कर्मियों और आशा कर्मियों के लिए एक विशेष पैकेज की घोषणा भी करनी चाहिए।
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