अजीत जोगी की जाति मामले में अब एक और विवाद जुड़ गया है। हाईकोर्ट के महाधिवक्ता जुगल किशोर गिल्डा ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंद कुमार साय के उस पत्र पर कड़ी आपत्ति जताई है, जिसमें उनसे आयोग की तीन अगस्त को बिलासपुर में हुई बैठक में शामिल होने कहा गया था। महाधिवक्ता जेके गिल्डा ने इस पत्र पर एतराज जताया और कहा कि आयोग इस तरह उन्हें अपनी बैठक में नहीं बुला सकता। उन्होंने अपने अवर सचिव से इसका जवाब लिखकर आयोग को भेजने कहा था।
अवर सचिव ने आयोग के अध्यक्ष और उनके दफ्तर को एक पत्र लिखकर बताया है कि एडवोकेट जनरल की नियुक्ति राज्यपाल और राज्य शासन को लीगल एडवाइज देने के लिए संविधान के तहत की जाती है। उन्हें कैबिनेट मिनिस्टर का दर्जा प्राप्त होता है और वे इकलौते एसे शख्स होते हैं जो विधायक नहीं होने के बावजूद विधानसभा को संबोधित कर सकते हैं, कार्रवाई में भाग ले सकते हैं।
इस तरह के पत्र लिखकर उन्हें किसी बैठक में बुलाना प्रोटोकाल में भी नहीं है यदि आयोग के अध्यक्ष किसी मामले में उनसे विधिक सहायता चाहते हैं तो वे हाईकोर्ट परिसर स्थित उनके कार्यालय या दिल्ली स्थित उनके कार्यालय में आकर मिल सकते हैं। ये पत्र आयोग को भेज दिया गया है। अब देखना है कि जोगी की जाति मामले में कार्रवाई कराने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रहे अध्यक्ष नंद कुमार साय इस पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।
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