सरकार का बड़ा फैसला, निजी क्षेत्र की भर्तियों में स्थानीय निवासियों को मिलेगा 75 प्रतिशत आरक्षण | AP Government will provide 75 percent reservation in Private sector recruitment

सरकार का बड़ा फैसला, निजी क्षेत्र की भर्तियों में स्थानीय निवासियों को मिलेगा 75 प्रतिशत आरक्षण

सरकार का बड़ा फैसला, निजी क्षेत्र की भर्तियों में स्थानीय निवासियों को मिलेगा 75 प्रतिशत आरक्षण

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:25 PM IST, Published Date : July 23, 2019/11:35 am IST

हैदराबाद: आंध्र प्रदेश के सीएम जगन मोहन रेड्डी ने सोमवार को प्रदेश की जनता को बड़ी सौगात दी है। रेड्डी सरकार ने सभी निजी औद्योगिक इकाइयां और कारखानों की भर्तियों में स्थानीय नागरिकों को 75 प्रतिशत आरक्षण देने का फैसला लिया है। सरकार के इस फैसले का लाभ स्थानीय नागरिकों को मिलेगा। सरकार ने आरक्षण के संबंध में निर्देश जारी करते हुए यह भी कहा है कि यदि इन कंपनियों को सरकार से कोई मदद नहीं मिलती है तो भी उनके उपर यह नियम लागू होगा। इसके साथ ही आंध्र प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया, जो निजी नौकरियों में स्थानीय लोगों को 75 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करेगा।

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मंगलवार को आंध्र प्रदेश विधानसभा में उद्योग और कारखानों में स्थानीय लोगों को रोजगार देने के मुद्दे को पर चर्चा हुई। सदन में चर्चा के बाद रोजगार अधिनियम 2019 को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। इस अधिनियम के तहत अब सभी श्रेणियों की निजी कंपनियों की भर्ती में स्थानीय लोगों के लिए 75 प्रतिशत सीटें आरक्षित हो गई है।

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गौरतलब है कि लंबे समय से निजी क्षेत्र की नौकरियों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दिए जाने की मांग की जा रही थी, लेकिन किसी भी सरकार ने इस संबंध में ध्यान नहीं दिया था। वहीं, दूसरी ओर मध्यप्रदेश सरकार ने भी इस संबंध में विचार करने का फैसला लिया है। सरकार ने ​बीते दिनों निजी क्षेत्र की नौकरियों में स्थानीय लोगों को प्रा​थमिकता देने की बात का जिक्र किया था। पिछले साल दिसंबर में सत्ता में आने के तुरंत बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ ने औद्योगिक नीति की घोषणा की थी।

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सरकार द्वारा पारित इस अधिनियम में यह भी कहा गया है कि केवल वे इकाइयां जो कंपनी अधिनियम की पहली अनुसूची में सूचीबद्ध हैं, उन्हें अधिनियम से छूट दी जाएगी। इनमें ज्यादातर पेट्रोलियम, फार्मास्यूटिकल्स, कोयला, उर्वरक और सीमेंट जैसे खतरनाक उद्योग शामिल हैं। कंपनियों को अधिनियम के शुरू होने के तीन साल के अंदर इन प्रावधानों का पालन करना होगा और एक नोडल एजेंसी को स्थानीय नियुक्तियों के बारे में हर तिमाही में रिपोर्ट प्रदान करनी होगी।

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