रायपुर। 26 मई 2013 को देश के इतिहास में एक नया और काला अध्याय के रूप में छत्तीसगढ़ का ज़ीरम घाटी हत्याकांड दर्ज हुआ था। इसी मामले में अब तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे, तत्कालीन केंद्रीय गृह राज्यमंत्री आरपीएन सिंह, छत्तीसगढ़ शासन में तत्कालीन गृहमंत्री ननकीराम कंवर और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को गवाही के लिए बुलाने का आवेदन लगाया गया है। इस मामले की सुनवाई कर रहे आयोग के सामने छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस ने ये आवेदन दिया है।
.@INCChhattisgarh ने झीरम कांड की सुनवाई कर रहे आयोग के समक्ष आज आवेदन लगाया है कि मामले में गवाही के लिए तत्कालीन केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे, गृह राज्य मंत्री आर पी एन सिंह, मुख्यमंत्री रमन सिंह और राज्य के तत्कालीन गृहमंत्री ननकीराम कंवर को गवाही के लिए बुलाया जाए। pic.twitter.com/MexXKVf2ZJ
— Bhupesh Baghel (@Bhupesh_Baghel) February 16, 2018
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने ट्वीट करके जानकारी दी है कि पार्टी की ओर से आयोग को दिए गए आवेदन के साथ प्रदेश के पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर के विधानसभा में दिए गए बयान और इसी मामले में लोकसभा में दिए बयान की प्रतियां भी सौंपी गई हैं।
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मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को गवाही के लिए बुलाए जाने को लेकर भूपेश बघेल ने ट्वीट किया है कि वो राज्य के यूनीफ़ाइड कमांड के प्रमुख हैं और इस नाते झीरम कांड के बारे में उनके पास बहुत सी ऐसी सूचनाएं हो सकती हैं जो अब तक सामने नहीं आ पाई हैं। बघेल ने साथ में ये भी कहा है कि कांग्रेस झीरम के शहीदों को कानून की अदालत और जनता की अदालत, दोनों से इंसाफ दिलाने के लिए वचनबद्ध है।
झीरम के शहीदों को हम इंसाफ दिलाकर रहेंगे। न्यायालय में भी और जनता की अदालत में भी।
— Bhupesh Baghel (@Bhupesh_Baghel) February 16, 2018
ज़ीरम घाटी में हुए नक्सली हमले में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस के बड़े नेताओं समेत 25 नेताओं की हत्या कर दी गई थी। उस वक्त भी राज्य में डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी सरकार का शासन था। जिस साल ये नक्सली हमला हुआ था, उसी साल छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव भी थे। इस हमले के करीब पांच साल होने जा रहे हैं, लेकिन अभी भी सुनवाई जारी है। कांग्रेस लगातार ज़ीरम का मुद्दा उठाती रही है और चुनावी साल में एक बार फिर से ये मुद्दा गरमाता जा रहा है।
वेब डेस्क, IBC24