विनियोग विधेयक विधानसभा में पारित, विधायक निधि अब 10 लाख, भूपेश ने कहा- मुझे चौकीदार मत कहिए | Appropriation Bill passed in assembly MLA fund now 10 lakhs Bhupesh said- Do not call me a chaukidar

विनियोग विधेयक विधानसभा में पारित, विधायक निधि अब 10 लाख, भूपेश ने कहा- मुझे चौकीदार मत कहिए

विनियोग विधेयक विधानसभा में पारित, विधायक निधि अब 10 लाख, भूपेश ने कहा- मुझे चौकीदार मत कहिए

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:13 PM IST, Published Date : February 27, 2019/12:30 pm IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में विनियोग विधेयक बुधवार को पारित हो गया। विधानसभा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोषणा की कि विधायक़ जनसम्पर्क निधि तीन लाख से बढ़कर दस लाख रुपए होगी। उन्होंने कहा कि जनप्रतिनिधियों के मान-सम्मान में कोई कमी नहीं होगी।

इससे पहले अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि साठ दिन में हमने काफ़ी काम किया है। भाजपा ने पंद्रह साल में विकास कार्य नहीं किए। हर सरकार लोन लेती है। हमारी प्राथमिकता राज्य की ज़रूरतों को पूरा करना है। भाजपा सरकार ने मोबाइल बांटने बैंक से क़र्ज़ लिया था, इस योजना के आठ सौ करोड़ अभी भी हमें देना है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार की स्थिति चादर ओढ़कर घी पीने जैसी थी। भाजपा सरकार क़र्ज़ लेकर घी पी रही थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश का हर किसान ख़ुश है। नरवा घुरूवा गरूआ पर बजट की ज़रूरत नहीं है। इनका निर्माण कई फ़ंड से होगा। यह मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि मुझे जनप्रतिनिधि, सेवक कह लीजिए लेकिन चौकीदार मत कहिए। चिटफ़ंड कम्पनियों का उद्घाटन भाजपा नेताओं ने किया है। चिटफ़ंड में पैसा लगाने वाले निवेशकों के पैसे लौटाएँगे। आउटसोर्सिंग से भाजपा सरकार ने राज्य के युवाओं का हक़ छीना था। उन्होंने कहा कि आदिवासियों के हक़ के लिए हम लड़ाई लड़ेंगे।

सीएम बघेल ने कहा कि भाजपा सरकार ने केवल एमओयू किए, मैं इन सभी कम्पनियों के साथ बैठक करूंगा और पूछूँगा कि आख़िर एमओयू हुआ था कि नहीं। अगर हुआ तो शुरू क्यूँ नहीं किए। उद्योग को बेचने का काम भाजपा ने किया है। इस पर कांग्रेस विधायक सत्यनारायण शर्मा ने कहा MOU का मतलब मनी ऑर्डर फ़ॉर यू।

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वहीं जीरम घाटी कांड पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले पर SIT गठित की है। NIA ने किसी गवाह से पूछताछ भी नहीं की। षड्यंत्र पर कोई जाँच नहीं की और NIA ने फ़ाइनल रिपोर्ट सबमिट कर दी है। भाजपा नेता केंद्र से कहे कि NIA रिपोर्ट हमें सौंपें। हम दूसरे बिंदुओं पर जाँच कराना चाह रहे है। NiA ने पहले गणपति का नाम शामिल किया था,फिर क्यूँ हटाया।