जगदलपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस में टिकट घोषित होने के बाद गुटबाजी का खतरा मंडराने लगा है। जगदलपुर, केशकाल, दंतेवाड़ा और बीजापुर में गुटबाजी को लेकर सबसे ज्यादा खतरा दिखाई दे रहा है। यहां पार्टी की हालत खराब हो सकती है। हालांकि पिछले चुनावों से सबक लेते हुए कांग्रेस संगठन इस मामले में विशेष तौर पर सतर्क है।
जगदलपुर सामान्य सीट से 42 दावेदार हैं और टिकट मिली रेख चंद जैन को। केशकाल से संत कुमार नेताम के खिलाफ पार्टी के भीतर ही 10 लोग विरोध के सुर में सुर मिला रहे हैं। बीजापुर में भी दो अन्य दावेदार हैं जिनकी पिछले चुनाव में नाराजगी जगजाहिर थी। दंतेवाड़ा में तो खुली बगावत हो चुकी है। यहां छविन्द्र कर्मा ने नामांकन फॉर्म दाखिल भी कर दिया है और अपनी मां के खिलाफ वह चुनावी मैदान में प्रचार शुरू कर चुके हैं। टिकट घोषणा में आगे रहने के बाद बगावत से निपटना कांग्रेस के लिए सबसे बड़ी चुनौती है।
यह भी पढ़ें : आरंग के कार्यकर्ताओं ने पुनिया के सामने किया हंगामा, शिव डहरिया को बताया पैराशूट प्रत्याशी
इन 4 सीटों पर सीधी बगावत के आसार नजर आ रहे हैं। खासतौर पर जगदलपुर सामान्य सीट जो पिछले 3 बार से कांग्रेस हारती रही है उसे जीतने की सर्वाधिक कोशिश संगठन कर रहा है। लेकिन टिकट नहीं मिलने से सबसे ज्यादा नाराज मलकीत सिंह गैदू एवं टीवी रवि सहित करीब आधा दर्जन नेता निराश हैं। इनकी बगावत बाहर ना आए इसके लिए कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी और जिला अध्यक्षों को लगा दिया गया है। अगले 24 घंटे में इन नाराज लोगों को मनाने कांग्रेस जुटने वाली है। वहीं केशकाल विधानसभा सीट पर अमीन मेमन ने संत कुमार नेताम को हराने की खुली चुनौती दे रखी है।
यह भी पढ़ें : शराब दुकानों के माध्यम से मतदाताओं को जागरुक करने में जुटा आबकारी विभाग
पार्टी के भीतर टिकट तय होने के बाद नाराज नेताओं को मनाने के लिए संगठन के नेता सक्रिय हो गए हैं, पर सबसे मुश्किल हालात इन 4 सीटों पर दिखाई दे रही है, जहां बगावत के पूरे आसार हैं। पार्टी के भीतर इस बगावत को नियंत्रित करने में कांग्रेस कितनी कामयाब होती है और क्या इसका फायदा बीजेपी को मिलता है। यह तो अगले कुछ दिनों में साफ होगा।
वेब डेस्क, IBC24
Indore News : पुलिस ने जब्त की 7 करोड़ से…
2 hours ago