ये चायवाला भी है चुनावी मैदान में प्रत्याशी, अब तक लड़ चुके हैं 22 चुनाव | Assembly Election 2018 :

ये चायवाला भी है चुनावी मैदान में प्रत्याशी, अब तक लड़ चुके हैं 22 चुनाव

ये चायवाला भी है चुनावी मैदान में प्रत्याशी, अब तक लड़ चुके हैं 22 चुनाव

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:51 PM IST, Published Date : November 9, 2018/12:30 pm IST

ग्वालियर। आपने पीएम नरेंद्र मोदी के उस भाषण को बहुत सुना होगा, जिसमें वे अपने आपको ‘चायवाला’ बताते है। लेकिन ग्वालियर के चाय वाले को चुनाव लड़ने का जुनून है, वह अब तक 22 चुनाव लड़ चुका है, जिसमें राष्ट्रपति चुनाव भी शामिल है। वो कहता है कि जब एक चाय वाला प्रधानमंत्री बन सकता है, तो फिर दूसरा चायवाला किसी बड़े पद का चुनाव क्यों नही लड़ सकता है। वैसे अब ये चायवाला मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में है।

मध्य प्रदेश का चुनाव अब कलरफुल होते जा रहा है। जहां एक ओर टिकट पाने के लिए नेता बागी हो रहे है, तो वही चुनाव में एक और रंग देखने को मिल रहा है। जहां एक चाय वाले ने अपना नामांकन दखिल किया है। इस चायवाले का का नाम है आनंद कुशवाह। आनंद अभी तक 22 चुनाव लड़ चुके हैं, और अब 23वां चुनाव विधायक का लड़ने जा रहे है। आनंद अभी तक 3 बार राष्ट्रपति, 2 बार उपराष्ट्रपति, 3 बार सांसद, 5 बार विधायक और 4 बार पार्षद चुनाव लड़ चुके हैं।

पेशे से चाय बेचने वाले आनंद कहना है कि लोकतंत्र में हर व्यक्ति को चुनाव लड़ने का अधिकार है। उन्हें भी चुनाव लड़ने का हक है, लिहाजा ऐसा क्यों न करें। वह साबित करना चाहते हैं कि आम आदमी कुछ भी कर सकता है। दूसरों को चाय पिलाकर अपने परिवार का जीवन यापन करने वाले आनंद की राजनीति में गहरी दिलचस्पी है और वह आने वाले ग्राहकों से चाय की चुस्की के बीच देश और राजनीति के मुद्दों पर चर्चा करते नजर आ जाते हैं। आनंद ग्वालियर से लोकसभा व विधानसभा का भी चुनाव लड़ चुके हैं।

आनंद ग्वालियर से लोकसभा व विधानसभा का भी चुनाव लड़ चुके हैं। अगर बात आनंद कि संपत्ति कि की जाये तो आपको जानकारी दी है। आनंद के पास महज कुछ हजार रुपए की संपत्ति है, जिसकी घोषणा उन्होंने नामाकंन भरते समय की है। घोषणा के मुताबिक उनके पास पांच हजार रुपये नकद, पत्नी के पास मंगलसूत्र, एक साइकिल और खुद का मकान है। इसके अलावा उन पर 12 हजार रुपये का बैंक कर्ज और 60 हजार रुपये का दीगर कर्ज है। बहरहाल ग्वालियर के चाय वाले आंनद का चुनावी मैदान में उतरना सबके लिए कौतुहल का विषय जरूर बना हुआ है।