61 की उम्र में ठुमरी गाकर सोशल मीडिया में सेलिब्रिटी बनी महिला, बॉलीवुड से मिल रहा ऑफर.. देखें वीडियो | At age 61, she became a celebrity woman in social media by singing Thumri

61 की उम्र में ठुमरी गाकर सोशल मीडिया में सेलिब्रिटी बनी महिला, बॉलीवुड से मिल रहा ऑफर.. देखें वीडियो

61 की उम्र में ठुमरी गाकर सोशल मीडिया में सेलिब्रिटी बनी महिला, बॉलीवुड से मिल रहा ऑफर.. देखें वीडियो

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 08:13 PM IST, Published Date : April 20, 2019/7:21 am IST

मंदसौर। हुनर किसी उम्र की मोहताज नहीं होती। इस वाकये को 61 बरस की एक महिला ने सच कर दिखाया। सुगना देवी ने बरसों तक जिस प्रतिभा को छुपाए रखा, उम्र के 61वें दहलीज में पहुंचने के बाद सुगना ने जो ठुमरी गाई, सोशल मीडिया के जरिए उसे एक ही दिन प्रसिद्धी मिल गई। फेसबुक पर उनके बेटे ने उनका एक गुनगुनाते हुए एक वीडियो यूं ही डाल दिया था। जिस पर देश भर से तारीफों की पोस्ट आने लगी । पोस्ट वायरल होने के बाद शंकर महादेवन, सोनू निगम, दलेर मेहंदी ने उनसे मिलने की इच्छा जाहिर की है। 19 अप्रैल को मध्यप्रदेश के मेघनगर में स्टेज शो करने आये दलेर मेहंदी ने सुगना देवी गंधर्व से मुलाकात की और जल्द ही मुंबई बुलाकर गाना कंपोज़ करने का वादा भी किया। सुगना देवी ने बताया कि साल 2000 में पति की मौत के बाद 4 बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारियों ने उन्हें गीत संगीत से दूर कर दिया था। लेकिन 61 की उम्र में उन्हें ठुमरी पहचान दिलाई है।

पढ़ें- सीएम बघेल का मोदी पर तंज, कहा- हम ‘काम’ पर वोट मांग..

सुगन देवी ने बताया कि बचपन से ही उनके पिता के परिवार में संगीत का माहौल था। लेकिन वह कभी संगीत नहीं सीख पाई सिर्फ सुन सुनकर ही उन्होंने गाना सीख लिया सुगंधा देवी मूलतः रतलाम की रहने वाली है जिनकी शादी मंदसौर में हुई थी। सुगंधा देवी की बहुत इच्छा थी कि वह भी गीत संगीत की दुनिया में अपना नाम रौशन करे लेकिन पारिवारिक स्थिति और जिम्मेदारियां उनके सपनों पर भारी पड़ती रही। फिर भी उनके पति ने उन्हें हिम्मत दी कि वह गीत गाए और इस क्षेत्र में अपना नाम करें लेकिन सन् 2000 में उनके पति की भी मौत हो गई।

पढ़ें- पूर्व प्रधानमंत्री के निजी विमान की तलाशी, आपात लैंडिंग के बाद चुनाव आयोग ने की जेट 

उस समय उनके तीन बेटे और एक बेटी थी इन चारों बच्चों की उम्र काफी कम थी ऐसे में बच्चों की परवरिश कि चिंता में उन्हें दिक्कतों कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा। फिर भी उनहोंने हिम्मत नहीं हारी और मात्र सौ रुपए के लिए वह जागरण में भजन गाने जाने लगी जिसमें उसे सुबह 6:00 बजे तक भजन गाने पड़ते थे। भारी जद्दोजहद के साथ रात रात भर जागरण में भजन गा गा कर सुगना ने अपने बेटे को तबला बजाना सिखाया, एक को गाना तो एक बड़े बेटे को उसके पिता की जगह अनुकंपा नौकरी में कलेक्टर ऑफिस में लगवाया। बेटी को पढ़ाया। अपने जीवन की कहानी बताते बताते हैं सुगना की आंखों से आंसू छलक आते हैं। लेकिन बावजूद इन सारी बातों के वह पूरे जोश के साथ कहती है कि यदि आज उसे अच्छा मंच मिल जाए तो वह अभी भी गा सकती हैं ।

 
Flowers