नई दिल्ली। देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी पंचतत्व में विलीन हो गए हैं, इसके साथ ही उनके जीवन के कई पहलू भी दफन हो गए हैं। उनसे सार्वजनिक जीवन में अक्सर ये सवाल पूछा जाता था कि आखिर उन्होंने शादी क्यों नहीं की? और उनका जवाब हमेशा इसके आस-पास ही रहा कि व्यस्तता के चलते ऐसा नहीं हो पाया और ये कहकर अक्सर वे धीरे से मुस्कुरा भी देते थे। एक इंटरव्यू में पूछने पर यह जवाब दिया था कि घटनाचक्र ऐसा ऐसा चलता गया कि मैं उसमें उलझता गया और विवाह का मुहूर्त नहीं निकल पाया, लेकिन जब उनसे उनके अफेयर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने क़ुबूल किया कि वे अकेला महसूस करते हैंय़ उन्होंने इससे जुड़े एक सवाल के जवाब में कहा- ‘हां, अकेला महसूस तो करता हूं, भीड़ में भी अकेला महसूस करता हूं।
बताया जाता है कि 1940 के दशक में जब वो ग्वालियर के एक कॉलेज में पढ़ रहे थे, तब अटलजी को किसी से प्रेम हो गया। हालांकि, अटल और उनकी प्रेमिका ने अपने रिश्ते को कभी कोई नाम नहीं दिया। बावजूद इसके, मिसेज कौल, राजकुमारी कौल और अटल के रिश्तों की राजनीतिक हलकों में खूब चर्चा हुई। प्रधानमंत्री बनने के पूर्व अटल के निवास पर किए फोन को मिसेज कौल उठाया करती थीं। एक बार राजकुमारी ने अपना परिचय इस तरह दिया, ‘मैं मिसेज कौल, राजकुमारी कौल हूं. वाजपेयीजी और मैं लंबे समय से दोस्त रहे हैं. 40 से अधिक सालों से।’
अटलजी पर लिखी गई किताब “अटल बिहारी वाजपेयीः ए मैन ऑफ आल सीजंस” के लेखक और पत्रकार किंगशुक नाग ने लिखा किस तरह पब्लिक रिलेशन प्रोफेशनल सुनीता बुद्धिराजा के मिसेज कौल से अच्छे रिश्ते थे। वो ऐसे दिन थे जब लड़के और लड़कियों की दोस्ती को अच्छी निगाह से नहीं देखा जाता था। इसके बाद भी युवा अटल ने लाइब्रेरी में एक किताब के अंदर राजकुमारी के लिए एक लेटर रखा लेकिन उन्हें उस पत्र का कोई जवाब नहीं मिला। किताब में राजकुमारी कौल के एक परिवारिक करीबी के हवाले से कहा गया कि वास्तव में वह अटल से शादी करना चाहती थीं, लेकिन घर में इसका जबरदस्त विरोध हुआ। हालांकि अटल ब्राह्मण थे लेकिन कौल अपने को कहीं बेहतर कुल कि मानती थी।
अटल बिहारी वाजपेयी एमपी के हैं और यूपी के भी हैं, ऐसा इसलिए था क्योंकि वो कभी ग्वालियर से चुनाव लड़ते थे और कभी लखनऊ से. हालांकि इसका जवाब देते हुए उन्होंने बताया था कि- ‘हमारा पैतृक गांव उत्तर प्रदेश में है. लेकिन पिताजी अंग्रेजी पढ़ने के लिए गांव छोड़कर आगरा चले गए थे, फिर उन्हें ग्वालियर में नौकरी मिल गयी. मेरा जन्म ग्वालियर में हुआ था. इसलिए मैं उत्तर प्रदेश का भी हूं और मध्य प्रदेश का भी हूं। अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म मध्य प्रदेश के ग्वालियर में 25 दिसम्बर 1924 को हुआ था। उनके पिता कृष्ण बिहारी वाजपेयी शिक्षक थे. उनकी माता कृष्णा जी थीं। वैसे मूलत: उनका संबंध उत्तर प्रदेश के आगरा जिले के बटेश्वर गांव से है.
पढ़ें- शिक्षक एलबी का नया नारा-मिशन है पदोन्नति, लक्ष्य है क्रमोन्नति, आभार सम्मेलन के जरिए रखेंगे मांग
अटल कम्युनिस्ट विचारधारा से प्रभावित थे,इसपर उन्होंने कहा,” कि वो जीवन में कभी भी कम्युनिस्ट नहीं रहे, हालांकि उन्होंने कम्युनिस्ट साहित्य जरूर पढ़ा है। उन्होंने यह भी बताया कि एक बालक के नाते मैं आर्यकुमार सभा का सदस्य बना। इसके बाद आरएसएस के संपर्क में आया। कम्युनिज्म को मैंने एक विचारधारा के रूप में पढ़ा। मैं कभी कम्युनिस्ट पार्टी का सदस्य नहीं रहा लेकिन छात्र आंदोलन में मेरी हमेशा रुचि थी और कम्युनिस्ट एक ऐसी पार्टी थी जो छात्रों को संगठित करके आगे बढ़ती थी. मैं उनके संपर्क में आया और कॉलेज की छात्र राजनीति में भाग लिया। एक साथ सत्यार्थ और कार्ल मार्क्स पढ़ा जा सकता है, दोनों में कोई अंतर्विरोध नहीं है.”
पढ़ें- मैं जी भर जिया, मैं मन से मरूं, लौटकर आऊंगा, कूच से क्यों डरूं ?
अटल बिहारी वाजपेयी को खाना बनाना काफी पसंद था,वो कहते थे कि ‘मैं खाना अच्छा बनाता हूं, मैं खिचड़ी अच्छी बनाता हूं, हलवा अच्छा बनाता हूं, खीर अच्छी बनाता हूं। वक्त निकालकर खाना बनाता हूं। इसके सिवा घूमता हूं और शास्त्रीय संगीत भी सुनता हूं, नए संगीत में भी रुचि रखता हूं।’
वेब डेस्क, IBC24
दुर्लभ बीमारी से पीड़ित बच्चे के पिता ने मदद के…
6 hours agoशादी में मटन कम देने पर गुस्साए बराती, कैटरर के…
6 hours agoभारत चाहता है कि सीडीआरआई से अधिक से अधिक देश,…
6 hours ago