तेहरान। ईरान की धरती एक बार फिर लहू से लाल हुई है। दक्षिण-पूर्वी हिस्से में हुए आत्मघाती बम हमले में कम से कम 27 रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स के मारे जाने का दावा किया गया है। जबकि 20 के घायल होने की खबर है। हमला तब हुआ जब बस के जरिए गार्ड्स को ले जाया जा रहा था। सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में ख़ाश-ज़हेदान रोड पर बस को निशाना बनाया गया। सुन्नी मुस्लिम चरमपंथी समूह जैश अल-अद्ल (ने इस हमले की ज़िम्मेदारी ली है। हमले के बाद सरकार की ओर से जारी बयान में सुरक्षाकर्मियों पर हुए हमले का बदला लेने की बात कही गई है।
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दो दिन पहले ही ईरान के वर्ष 1979 की इस्लामिक क्रांति की 40वीं वर्षगांठ मनाई गई है। वारसा में अमेरिका के नेतृत्व में सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में ईरान के मध्य पूर्व में पड़ने वाले घातक प्रभाव पर अमेरिका द्वारा चर्चा शामिल है।
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जिस इलाके में हमला हुआ है यह क्षेत्र अफीम तस्करी के लिए कुख्यात है। यहां सेना, बलूच अलगाववादी और तस्करों के बीच संघर्ष की खबरें आती रहती हैं।रिवोल्यूशनरी गार्ड फोर्स ईरान की प्रमुख आर्थिक और सैन्य शक्ति है जो देश के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई के प्रति जवाबदेह है।
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12 hours ago