आयुर्वेदिक डॉक्टर भी कर सकेंगे सर्जरी, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी, IMA ने दर्ज कराया विरोध | Ayurvedic doctors will also be able to do surgery, the central government approved, the IMA lodged a protest

आयुर्वेदिक डॉक्टर भी कर सकेंगे सर्जरी, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी, IMA ने दर्ज कराया विरोध

आयुर्वेदिक डॉक्टर भी कर सकेंगे सर्जरी, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी, IMA ने दर्ज कराया विरोध

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:50 PM IST, Published Date : November 23, 2020/1:22 pm IST

नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के बाद से ही भारत सरकार स्वदेशी वस्तुओं और उद्योगों को लगातार बढ़ावा दे रही है। इसी क्रम में भारत सरकार ने चिकित्सा के क्षेत्र में आयुर्वेद को और बढ़ावा देने के लिए आयुर्वेद के पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टरों को सर्जरी करने की परमिशन देने का फैसला किया है। सरकार ने 20 नवंबर के अपने गजट नोटिफिकेशन के जरिए आयुर्वेद के पोस्टग्रेजुएट डॉक्टरों को सर्जरी करने की इजाजत दी है।

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भारत सरकार ने अपने नोटिफिकेशन के जरिये आयुर्वेदिक डॉक्टरों को 58 तरह की सर्जरी करने की इजाजत दी है। यानी देश के आयुर्वेदिक पोस्ट ग्रेजुएट डॉक्टर भी एलोपैथिक डॉक्टरों की तरह ऑपरेशन कर सकेंगे। इन 58 तरह की सर्जरी में हड्डी रोग, आंखों की सर्जरी, कान-गला और दांत की सर्जरी, स्किन ग्राफ्टिंग, ट्यूमर की सर्जरी, हाइड्रोसील, अल्सर, पेट की सर्जरी शामिल हैं।

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भारत सरकार द्वारा जारी किए गये नोटिफिकेशन पर आयुष डॉक्टरों की सबसे बड़ी संस्था नेशनल इंटेग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन (NIMA) ने खुशी जताई है। NIMA के राष्ट्रीय महासचिव डॉ उमाशंकर पांडेय ने इसे देश के आयुर्वेदिक डॉक्टरों की जीत बताया है वहीं इस आदेश का विरोध करने वाले संगठनों को जवाब देते हुए डॉ पांडेय कहते हैं कि आयुर्वेद में सर्जरी 2500 साल से पहले से मौजूद है जबकि एलोपैथी में सर्जरी को आये अभी सिर्फ दो-तीन सौ साल ही हुये हैं। तकनीक पर किसी भी इलाज के सिस्टम या संगठन का एकाधिकार तो हो ही नहीं सकता।

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जहां एक ओर भारत सरकार के इस आदेश को भारतीय चिकित्सा पद्धति के इतिहास में मील के पत्थर की तरह देखा जा रहा है, वहीं दूसरी ओर एलोपैथिक डॉक्टरों की संस्था इंडियन मेडिकल एसोसिएशन आयुर्वेद डॉक्टरों को मिल रहे सर्जरी के अधिकारों का विरोध भी कर रही है। IMA ने एक बयान जारी करके अपना विरोध दर्ज कराया है।